बिहार

bihar

ETV Bharat / state

उत्तर भारत की सबसे बड़ी 'गुलाबबाग मंडी' पर कोरोना ग्रहण, 60 फीसद तक घटा व्यापार

कोरोना वायरस महामारी के कारण लॉकडाउन और अनलॉक जैसी स्थिति ने 150 साल पुराने व्यापार पर ब्रेक लगा दी है. 68 एकड़ में फैली गुलाबबाग मंडी में 3000 से भी अधिक व्यापारी जुड़े हैं. इनमें बड़े व्यापारियों के साथ ही मध्यम और छोटे श्रेणी के कारोबारी भी शामिल हैं.

By

Published : Aug 31, 2020, 4:35 PM IST

Gulab Bagh market
Gulab Bagh market

पूर्णिया: कोरोना वायरस ने इंसानी जनजीवन पर व्यापक असर डाला है. इसका प्रभाव राज्य की मंडियों पर साफ देखा गया. सालाना 2 अरब से भी ज्यादा का व्यापार करने वाली उत्तर भारत की सबसे प्रमुख मंडियों में शुमार जिले की गुलाबबाग मंडी में भी कोरोना का व्यापक असर देखने को मिला.

60-70 फीसद तक घटा मंडी का व्यापार
चेम्बर ऑफ कॉमर्स के मुताबिक कोविड-19 संकट काल में मंडी का व्यापार 60-70 फीसद तक घट गया है. एक अनुमान के मुताबिक यह घाटा करीब 2.5 हजार करोड़ का है. भारत समेत नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, थाईलैंड, अमेरिका, ब्रिटेन समेत अफीकी देशों तक कारोबारी रास्ते तय करने वाली यह अंतरराष्ट्रीय मंडी अब तक सबसे गहरे संकट से गुजर रही है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

150 साल पुराने मंडी पर कोरोना का ग्रहण
दरअसल कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन और अनलॉक जैसी स्थिति ने 150 साल पुराने व्यापार पर ब्रेक लगा दी है. 68 एकड़ में फैली मंडी में 3000 से भी अधिक व्यापारी जुड़े हैं. इनमें बड़े व्यापारियों के साथ ही मध्यम और छोटे श्रेणी के कारोबारी भी शामिल हैं. वहीं चेम्बर ऑफ कॉमर्स के आंकड़ों के मुताबिक 20 हजार से अधिक गैर व्यापारी वर्ग भी इससे जुड़ा है.

माल ढुलाई करते कर्मी

संकट में एशिया की सबसे बड़ी मंडी
कोरोना काल में गुलाबबाग मंडी का व्यापार पूरी तरह बिखर गया है. लिहाजा इससे जुड़े व्यापारी और गैर-व्यापारी समूह मसलन मंडी से जुड़े गद्दीयों के एकाउंट्स स्टाफ, लेबर, माल ढुलाई से जुड़े ट्रक-ट्रैक्टर, मैजिक गाड़ियां, टमटम चालक इन सबकी रोजी-रोटी भी बुरी तरह प्रभावित हुई है.

मंडी के व्यापार में कमी

लॉकडाउन से अंतरराष्ट्रीय व्यापार चौपट
इस ट्रेड सेंटर को खास तौर पर कृषि उत्पाद के साथ ही तेलहन और मसाला उत्पादों की विशाल सप्लाई के लिए जाना जाता है. संक्रमण काल की मार मक्का व्यापार पर भी पड़ी. संक्रमण के खतरे और लॉकडाउन की अवधि के बीच मंडी के भारतीय व्यापार के अलावा विदेशों से होने वाला मक्के का कारोबार भी बुरी तरह प्रभावित हुआ.

मंडी से जुड़े टमटम चालक

मक्के पर कोरोना की मार
खाद्य सामग्री आटा, सत्तू के अलावा, पॉपकॉर्न, स्वीटकॉर्न, चिप्स समेत दवा बनाने के काम में आने वाला मक्के का मार्केट औंधे मुंह गिरा. इसका असर यहां से निर्यात किए जाने वाले 10 लाख टन मक्का निर्यात पर पड़ा.

मंडी परिसर

मक्के के न्यूनतम समर्थन मूल्य में गिरावट
मक्के का निर्यात प्रभावित होने की वजह से 61 हजार हेक्टेयर में, मक्के की खेती करने वाले 20 हजार से अधिक किसान और मंडी से जुड़े तकरीबन 200 लोकल ट्रेडर्स इससे प्रभावित हुए. यही वजह है कि मक्के का व्यापार पिछले दस सालों की सबसे खराब स्थिति में पहुंच गया. साल 2009 में 1400 रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बिकने वाला मक्का साल 2020 में महज 900 पर जा पहुंचा.

मसालों की मंडी

छोटे व्यापारियों के लिए दूभर हुआ जीवन निर्वाह
व्यापारी बताते हैं कि कोरोना संक्रमण के खतरे को लेकर थोक और खुदरा व्यापारी गद्दी नहीं पंहुच रहे. दिन भर के इंतेजार के बाद गिनती भर कस्टमर पंहुचते हैं. कोरोना के कारण व्यापारियों के सामने जीवन निर्वाह की गहरी समस्या पैदा हो गई है.

मंडी में पसरा सन्नाटा

गोदाम में पड़े सड़ रहे आलू-प्याज.
मंडी में आलू व प्याज की गद्दी चलाने वाले राज कुमार कहते हैं कि कोविड-19 पीरियड मंडी के लिए किसी त्रासदी से कम नहीं. कोरोना संकट के कारण दूसरे प्रदेशों से आने वाले डिमांड एकदम कम हो गए है.

गुलाबबाग मंडी

पहले से घटी डिमांड
वहीं मंडी के मसाला व्यापारी हेमंत कु पोद्दार कहते हैं कि बीते 6 महीने से मसाला व्यापारियों का महज 40 फीसद माल ही बाहर निकल सका है. डिमांड पहले से खासा घट गई है.इसके अलावा व्यापारियों के पैसे का पेमेंट भी सही समय पर नहीं हो पा रहा. इस वजह से पूंजी का अभाव बड़ी समस्या बन रहा है.

लहसुन छिलते मंडी व्यापारी

एक्सपोर्ट-इंपोर्ट का व्यापार प्रभावित
मंडी के व्यवसायी महासंघ उपाध्यक्ष की माने तो लॉकडाउन के बाद आस-पास की महज 300 किलोमीटर के ही व्यापारी और माल मंडी तक पहुंच सका. इसके कारण एक्सपोर्ट-इंपोर्ट का व्यापार भी बुरी तरह प्रभावित हुआ.

मंडी के लोग नदारद.

लॉकडाउन के बाद टर्न ओवर में 40 फीसद की गिरावट
चेम्बर और कॉमर्स के डिस्ट्रिक्ट सेक्रेटरी नीरज खेमका मंडी की इस मंदी के कारण गिनाते हुए कहते हैं कि लॉकडाउन के बाद टर्न ओवर में 40 फीसद की भारी गिरावट आई है. इससे मंडी को 1 अरब से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details