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पूर्णिया में आखिरी दिन पर्यटन मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि ने किया नामांकन - कृष्ण कुमार ऋषि नामांकन

पूर्णिया में पर्यटन मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि ने नामांकन किया. इसके अलावा अपना विकास पार्टी से पर्चा दाखिल करने वाले किसान संजय सिंधु ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा.

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पर्यटन मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि

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Published : Oct 21, 2020, 5:01 PM IST

पूर्णिया: तीसरे चरण में होने वाली नामांकन प्रक्रिया का शोर आखिरकार बुधवार को थम गया. 13-20 अक्टूबर तक चलने वाले नामांकन अवधि में जिले के सभी 7 विधानसभा क्षेत्रों से कुल 128 प्रत्याशियों ने नामांकन पर्चा भरा. बुधवार को नामांकन के आखिरी दिन जिले भर से कुल 71 प्रत्याशियों ने पर्चा भरा.

पर्यटन मंत्री ने किया नामांकन
आखिरी दिन नॉमिनेशन करने वालों में बनमनखी से विधायक और नीतीश कैबिनेट में पर्यटन मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि समेत कसबा विधायक आफाक आलम और कसबा से पूर्व विधायक प्रदीप दास शामिल रहे. इन सब के बीच पूर्णिया सदर सीट से अपना विकास पार्टी से पर्चा दाखिल करने वाले किसान संजय सिंधु ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा.

शुद्धता का होना बेहद आवश्यक
नॉमिनेशन के बाद ईटीवी भारत से बात करते हुए संजय सिंधु ने कहा कि राजनीति में शुद्धता का होना बेहद आवश्यक है. लिहाजा अकूत संपत्ति और आपराधिक चरित्र के लोगों को राजनीति में अवसर दिया जाना ही विकास के राहों का सबसे बड़ा रोड़ा है.

एकाउंट में महज 315 रुपये
संजय सिंधु ने कहा कि उनके एकाउंट में महज 315 रुपये हैं. इसके अलावा पार्टी के सदस्य किसानों की ओर से चुनाव लड़ने के लिए एकत्रित की गई. 25 हजार के करीब राशि है. इसके अलावा एक साईकल और आधा कट्ठा में बनी झोपड़ी का घर अपनी संपत्ति में दर्शाया है. उन्होंने कहा कि राजनीति निःस्वार्थ भाव से जनता की सेवा से प्रेरित होना चाहिए.

आत्म इच्छाओं का त्याग
रजनीति में जब तक बाहुबल, संपत्तिधारी और आपराधिक चरित्र के व्यक्ति जीतते रहेंगे, वे अपनी स्वार्थलिप्सा में काम करेंगे. जबकि राजनीति जनसेवा और आत्म इच्छाओं का त्याग है. जब तक अकूत संपत्ति रखने वाले लोगों को राजनीति में एंट्री दी जाती रहेगी, ऐसे जनप्रतिनिधियों से सेवाभाव की अपेक्षा नहीं पाली जा सकतीय ऐसे लोगों का राजनीति में आना निश्चित तौर पर स्वार्थलिप्सा से प्रेरित होता है.

लोकतंत्र के लिए घातक
बाहुबल और आपराधिक चरित्र के व्यक्ति को राजनीति में मौके देना समाज के साथ ही लोकतंत्र के लिए भी घातक है. ऐसे लोगों से जनसेवा औक जनसरोकार की उम्मीदें नहीं पाली जा सकती. लिहाजा आपराधिक चरित्र के व्यक्ति को राजनीति में आने से रोकना बेहद आवश्यक है. यही वे अहम कारण है जो विकास के राहों में रोड़े बन रहे हैं.

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