पूर्णिया: जिले से क्रिकेट के क्षेत्र में कुछ खिलाड़ी बेहद तेजी से उभर रहे हैं. खिलाड़ियों ने क्रिकेट के क्षेत्र में बिहार को गौरव हासिल करवाने में जी-जान लगा दी हैलेकिन दुर्भाग्य की बात है कि इन खिलाड़ियों को आजतक क्रिकेट का मैदान तक नसीब नहीं हो सका है.
मीडिया से बात करते खिलाड़ी ताज्जुब की बात है कि वर्तमान में यहां के विधायक कृष्ण कुमार ऋषि बिहार सरकार में खेल मंत्री हैं. सरकार जहां एक ओर क्रिकेटरों को अपनी सियासत बनाकर पीठ थपथपाने में पीछे नहीं हटती है. वहीं क्रिकेट खिलाड़ियों को अबतक फुटबॉल ग्राउंड से ही काम चलाना पड़ रहा है.
जिले से दो खिलाड़ियों ने नाम किया रौशन
बता दें कि जिले से बहुत कम वक्त में दो बड़े क्रिकेटर निकले हैं. विजय भारती जहां गली क्रिकेट से निकलकर रणजी में पहुंचे हैं. अब इंटरनेशनल क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ने के लिए मौके की तलाश में हैं. वहीं, अंडर 23 महिला क्रिकेट टीम की ऑलराउंडर अपूर्वा घोष ने भी खूब नाम कमाया है.
'खेल मंत्री ने सिर्फ सुर्खियां बटोरीं'
वहीं, कई दूसरे खिलाड़ियों ने भी जिला क्रिकेट से निकलकर बड़े प्लेटफॉर्म पर जाकर क्रिकेट की दुनिया में तेजी से अपना नाम बनाया है. लिहाजा बिहार सरकार के खेल मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि को इन उपलब्धियों के लिए सुर्खियां बटोरते हुए कई बार देखा गया है. अगर खिलाड़ियों की मानें तो इन्हें आगे बढ़ाने में सरकार का नहीं कुछ हद तक बीसीए का योगदान है.
क्रिकेट ग्राउंड के नाम पर हो रही सियासत
सांसद संतोष कुशवाहा ने भी पिछले आम चुनावों में क्रिकेट ग्राउंड की वर्षों पुरानी मांग को अहम मुद्दा बनाया था. लेकिन आज सरकार अपने पांच साल पूरे करने को है. वहीं, खेल मंत्री को कार्यकाल भी पूरा होने को है. इसके बावजूद क्रिकेट ग्राउंड के नाम पर सियासत से इतर कुछ और हासिल नहीं हो सका है.
खिलाड़ियों की समस्या
वहीं, कई खिलाड़ियों ने बताया कि क्रिकेट की प्रैक्टिस के लिए आज तक कोई स्थायी साधन नसीब नहीं हो सका है. हैरत की बात तो यह है कि लीग प्रैक्टिस के लाख दरख्वास्त होने के बाद भी कोई दूसरा ग्राउंड तक नहीं मिला. इसीलिए फुटबॉल ग्राउंड से ही काम चलाना पड़ता है.