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लोकसभा सीट पूर्णिया में CM नीतीश ने फेंका 720 करोड़ का पासा, बोले- अब तो लालटेन की जरूरत खत्म

पूर्णिया में सीएम नीतीश कुमार ने इंजीनियरिंग कॉलेज का उद्धाटन किया. इसके बात उन्होंने बातों ही बातों में राजद पर चुटकी लेते हुए कहा कि अब किसी को लालटेन की जरूरत नहीं है.

सीएम नीतीश कुमार

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Published : Feb 18, 2019, 5:51 AM IST

पूर्णिया: पूर्णिया इंजीनियरिंग ग्राउंड से सीएम नीतीश कुमार रविवार को कॉलेज का उद्धाटन किया. इस मौके पर सीएम ने पूर्णिया के लिए 720 करोड़ की योजनाओं का पिटारा खोला. वहीं, सीएम नीतीश ने मंच से सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए आरजेडी पर निशाना साधा उन्होंने कहा कि अब लालटेन की जरूरत किसी को नहीं है.

सीएम नीतीश इस लोकसभा क्षेत्र के वोट बैंक पर योजनाओं और उपलब्धियों का 'तीर' साधते नजर आए. आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर एक बार फिर पूर्णिया सीट जदयू के पाले में जानी की संभावना है. ऐसे में सीएम नीतीश ने यहां 720 करोड़ की बंपर योजनाओं का पासा फेंका. बिजली के बहाने बातों ही बातों में सीएम नीतीश ने आरजेडी पर निशाना साधा है. जैसे सीएम ने कहा कि अब लालटेन की नहीं. समारोह में शामिल लोग समझ गए कि ये तीर किस ओर छोड़ा गया है.

सीएम नीतीश कुमार

मुख्यमंत्री ने कहा

  • मैंने 7 निश्चय योजना के तहत हर जिले में एक इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने की ठानी है,
  • इसके तहत ज्यादातर जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेज खोले जा रहे हैं.
  • उन्होंने कहा कि मेरे इसी पहल से इंजीनियरिंग की डिग्री लेने वाले छात्रों ने बिहार से बाहर जाना कम कर दिया. पलायन में बेतहासा कमी आई है.
  • लड़का हो या लड़की पढ़ना जरूरी है. क्योंकि जब पढ़ेगा, तभी आगे बढ़ेगा.
  • सात निश्चय योजना के तहत अप्रैल 2018 तक हर घर हर प्रखंड में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य पूरा कर लिया गया है.
  • हर घर बिजली योजना ने हर शहर, हर गांव, हर प्रखंड के एक-एक घर तक बिजली पहुंचाया है. अब लालटेन की जरूरत नहीं है.
  • 60 साल के ऊपर के बुजुर्गों को मिलेगी पेंशन.

'मैं भी इंजीनियरिंग का छात्र रहा हूं'
वहीं, इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों पर अपनी उपलब्धियां, हॉस्टल सुविधा,जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर व भावनाओं का गूगली फेंकते हुए सीएम ने कहा कि मैं खुद इंजीनियरिंग का छात्र रहा हूं. मैंने पढाई के दौरान आवास व सुविधाओं से जुड़ा जो दर्द झेला है. मैं नहीं चाहता कि छात्र जो मैंने मुसीबत झेली है वो आज के छात्र झेलें.

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