पूर्णियाः बिहार के पूर्णिया जिलान्तर्गत के केहाट थाना क्षेत्र के न्यू सिपाही टोला माता स्थान के पास रहने वाले भोलानाथ आलोक नामक जाने-माने साहित्यकार का मुजफ्फरपुर में शनिवार को निधन (Purnea Literator Bhola Nath Died In Muzaffarpur) हो गया. बुजुर्ग समाज के अध्यक्ष और गरीबों की आवाजें बुलंद करने वाले भोलानाथ आलोक किसी भी पहचान के मोहताज नहीं थे. पूर्णिया और सीमांचल में एक अलग पहचान बनाने वाले यह शख्स थे. इनकी मौत की खबर शहर में फैलते ही इनके घर पर अंतिम दर्शन करने के लिए लोगों का तांता लगा रहा.इनके मौत के साथ इनकी प्रेम कहानी का अध्याय समाप्त हो गया.
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"पूर्णिया और सीमांचल ने सिर्फ एक साहित्यकार को खोया है, बल्कि एक अभिभावक को खोया है. इनके निधन से न सिर्फ एक साहित्यकार को खोया है. बल्कि एक दबे-कुचले, गरीब और बेसहारा की आवाज गुम हो गई है."-नूतन आनंद, रिटायर्ड टीचर
अनूठी प्रेम कहानी के लिए भी याद किये जायेंगे भोलानाथःभोलानाथ आलोक की अनूठी प्रेम कहानी ( Love Story Of Bholanath From Purnea Bihar) पूरे इलाके में चर्चित रहा है. भोलानाथ आलोक गर्व से कहते थे, यहां अभी ना सही परंतु ऊपर जब 'पदमा' से मिलूंगा तब यह तो बता सकूंगा कि मैंने अपना वादा निभाया. साहित्यकार भोलानाथ आलोक अब पूर्णिया वासियों बीच नहीं रहे. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उन्होंने मुजफ्फरपुर के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली. भोलानाथ आलोक ने अपनी पूरी शख्सियत बताते हुए अपनी ख्वाहिश कही थी.