पूर्णिया:बिहार के पूर्णिया सेंट्रल जेल (Purnea Central Jail) केजिन कैदियों के हाथों में कभी तमंचे और हथियार लहराते थे, अब वही हाथ गांधी जी का चरखा चला रहे हैं. जेल के सजायाफ्ता कैदी इन दिनों जेल में हथरकघा का कार्य सीख ( Prisoners Learning Handloom Work in Purnea Jail ) रहे हैं. इससे डिप्रेशन के शिकार इन कैदियों का हृदय परिवर्तन हो रहा है. साथ ही जेल से रिहा होने के बाद हैंडलूम के कार्य से वो समाज की मुख्यधारा से जुड़ेंगे और रोजगार ( PrisonerS Get Employment in Purnea Jail) भी पा सकेंगे.
ये भी पढ़ें : जेल प्रशासन को सता रहा है कैदियों में कोरोना संक्रमण का भय, ऑनलाइन हाजिरी का किया आग्रह
जेल अधीक्षक राजीव कुमार झा की पहल पर इन सभी को जेल के हैंडलूम का कार्य सिखाया जा रहा है, इसमें जेल प्रशासन का काफी सहयोग मिल रहा है. बता दें कि भी इन बंद कैदियों के हाथों में पहले बंदूक दिखती थी और उसकी गूंज से पूरे इलाके के लोग दहशत का माहौल था. जेल के अंदर चरखा और हैंडलूम के कार्य से अपने साथी बंदियों की वर्दी बना रहे हैं. वहीं, सजा काटने के बाद जब जेल से बाहर जाएंगे तो कपड़े के रोजगार में उतर अपनी जिंदगी को नया मोड़ देते दिखेंगे.