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Nairobi fly: नैरोबी मक्खी के प्रकोप से पूर्णिया अस्पताल प्रशासन अलर्ट, जानिए कितनी खतरनाक - Etv Bharat news

पूर्वी अफ्रीका से निकली नैरोबी मक्खी के बंगाल होते हुए बिहार में प्रवेश करने की आशंका जताई जा रही है. मक्खी के प्रकोप को ले पूर्णिया अस्पताल प्रशासन ने (Purnea hospital administration) अलर्ट जारी किया है. खतरनाक प्रभावों को जान बिहार से लोग दहशत में हैं.

नैरोबी मक्खी के प्रकोप से पूर्णिया अस्पताल प्रशासन अलर्ट
नैरोबी मक्खी की तस्वीर दिखाते पूर्णिया के सिविल सर्जन डॉ एस के वर्मा

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Published : Jul 11, 2022, 4:05 PM IST

Updated : Jul 11, 2022, 4:48 PM IST

पूर्णिया: देश के कई हिस्सों में इन दिनों नैरोबी मख्खी कहर बरपा रही है. उत्तर बंगाल और सिक्किम में सैकड़ों लोग संक्रमित हो गये है. पश्चिम बंगाल से सटे पूर्णिया अस्पताल प्रशासन इसके फैलने की आशंका को लेकर अलर्ट हो गया है. बताया जाता है कि आंखों के लिए खतरनाक नैरोबी मक्खी (dangerous Nairobi fly) के काटने से जहां आंखों की रोशनी चली जाती है, वहीं जहां- जहां ये बैठती है, शरीर के उस जगह के चमड़े को जला देती है.

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चली जाती हैं आंखों की रोशनी: पूर्णिया के सिविल सर्जन डॉ एसके वर्मा ने अनुमंडलीय अस्पताल धमदाहा, बनमनखी, रेफरल अस्पताल रुपौली, सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि नौरोबी मक्खी के प्रकोप को देखते हुए अलर्ट रहें. सिविल सर्जन ने बताया कि इस मक्खी के संपर्क में आने वाले व्यक्ति की त्वचा में खुजली वाले चकते होने के अलावा इसका एसिड अगर आंख के संपर्क में आ जाए तो आंख के लिए खतरनाक हो जाता है, उन्होंने आंख की रोशनी जाने की बात भी बताई. उन्होंने बताया कि अगर इस तरह की मक्खी शरीर पर बैठती है तो उसे धीरे से फूंक मार कर उड़ा देना चाहिए या फिर रुई या कागज से हटा देना चाहिए.

लोगों को जागरूक करने का निर्देश : बंगाल से सटे पूर्णिया के बायसी अनुमंडल में स्वच्छता एवं स्वास्थ्य पर प्रशासन का विशेष जोर रहेगा. इस संदर्भ में सिविल सर्जन ने निर्देश दिया है कि नैरोबी मक्खी से फैलने वाले संक्रमण की रोकथाम के लिए अपने-अपने क्षेत्र में प्रचार प्रसार के माध्यम से लोगों को जागरूक करें. सिविल सर्जन ने बताया कि इस मक्खी के बंगाल में होने वाले अनानास पर होने की आशंका है और बंगाल से अनानास पूर्णिया लाया जाता है. स्थानीय लोग भी बताते हैं कि उन लोगों को जानकारी मिली है कि नैरोबी मक्खी काफी खतरनाक है. इस मक्खी के बंगाल के रास्ते बिहार में प्रवेश करने की बात सुन लोग काफी दहशत में हैं.

नेरौबी की ऐसे करें पहचान: डॉ मनोज कुमार ने बताया कि नैरोबी फ्लाई दिखने में चींटें के आकार का होता है, इसमें पंख लगे होते हैं, पीछे का इसका पार्ट कर्व होता है और गहरे काले रंग का होता है. यह कीड़ा काटता नहीं है लेकिन यह शरीर पर जब बैठता है और इसे जब छुआ जाता है या फिर इसे मसलने का प्रयास किया जाता है तो यह कीड़ा लिक्विड फॉर्म में टॉक्सिक पदार्थ रिलीज करता है जिसे पेडरिन कहा जाता है.

एसिड फ्लाई पहुंचा सकता है नुकसान:पेडरिन टॉक्सिक लिक्विड शरीर पर कम पीएच के एसिड जैसा काम करता है और इससे स्किन में जलन, जलने जैसा दाग और इस प्रकार की समस्याएं हो जाती हैं. यदि स्किन पर कीड़े के चिपकने से जो जहरीला पदार्थ गिरा है उसको कोई छूकर आंखों को छूता है तो आंखों की रोशनी तक को यह कमजोर कर देता है. अगर शरीर के कटे फटे हिस्से में यह टॉक्सिक मटेरियल चला जाता है तो शरीर के कई ऑर्गन को नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखता है.

अंधा बना देती है एसिड फ्लाई:ये मक्खियां काटती नहीं हैं पर शरीर पर बैठने से जहरीला तरल पदार्थ छोड़ती है जिससे लोगों को त्वचा में जलन और जगह जगह पर इंफेक्शन हो जाता है. चिकित्सकों का कहना है कि अगर मक्खी शरीर पर बैठे या चिपके तो उसे छूना नहीं चाहिए. छूने पर या इसे मसलने से यह एसिड जैसा जहरीला पदार्थ छोड़ती है, जिसे पेडरिन नाम से जाना जाता है. पेडरिन बहुत हानिकारक होता है. इस पेडरिन के त्वचा के सम्पर्क में आने से यह रासायनिक जलन पैदा करता है. आंखों को मसलते वक्त अगर यह खतरनाक पेडरिन आंखों तक पहुंच जाता है तो कुछ देर के लिए संक्रमित व्यक्ति अंधेपन में भी चला जाता है.

क्या है नैरोबी फ्लाई?:नैरोबी फ्लाई एक अफ्रीकी कीट है, जिसमें पेडिटिन (Peditin) नामक एसिड होता है. यह किसी को काटता नहीं, लेकिन इसके शरीर में मौजूद एसिड मानव शरीर के संपर्क में आने के बाद त्वचा में जलन और पीड़ा पैदा करता है. यह कीट अत्यधिक वर्षा वाले इलाकों में पाया जाता है. इस बार हिमालय की तलहटी वाले क्षेत्रों में अच्छी वर्षा के चलते पिछले सालों के मुकाबले इनमें काफी बढ़त देखने को मिली है.

इन लक्षणों को ना करें नजर अंदाज:डॉक्टरों ने इस कीट को लेकर बताया है कि इसके संपर्क में आने से व्यक्ति की त्वचा में लाली और जलन से साथ दर्द महसूस होता है. इसके साथ कुछ लोगों में बुखार और उल्टी की समस्या भी देखने को मिल रही है. अगर किसी को शरीर में ऐसे लक्षण दिखाई दें तो वे तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करें. डॉक्टरों के मुताबिक, इससे ठीक होने में व्यक्ति को 8-10 दिन का समय लग सकता है.

Last Updated : Jul 11, 2022, 4:48 PM IST

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