पूर्णिया: नासिक से सीमांचल आने वाली प्याज के रैकों पर ब्रेक लगाए जाने से एक तरफ जहां लोगों को पहले से अधिक जेबें ढ़ीली करनी पड़ रही है. वहीं प्याज और मक्के का व्यापार करने वाले बड़े व्यापारी परेशान हैं. मामला नासिक से प्याज का व्यापार करने वाले शहर के जाने-माने व्यापारी से जुड़ा है. जहां नासिक के प्याज व्यापारी संघ के प्रेसिडेंट सोहन लाल भंडारी के खिलाफ प्याज व्यवसाई सुरेंद्र कुमार भगत ने सदर थाने में मामला दर्ज कराया है.
प्याज के दाम में बढ़ोतरी
नासिक से दोबारा सीमांचल के लिए प्याज के रेलवे रैकों को सुचारू किया जा सके, इसके लिए व्यापारी ने पीएम से लेकर कृषि मंत्री समेत कुल 19 पदाधिकारियों को पत्र लिखा है. गुरुवार को इसको लेकर नासिक में प्याज के रैकों में चल रही बिचौलियों की कमीशनखोरी और दबंगई से परेशान शहर के जाने-माने प्याज व्यापारी सुरेंद्र कुमार भगत ने अपनी परेशानियों को साझा करते हुए कहा कि नासिक में कुछ बिचौलियों की मनमानी और दबंगई के कारण सीमांचल में प्याज के दाम लगातार बढ़ाए जा रहे हैं.
"प्याज की रैकजो नासिक से सीमांचल के लिए खोली जा रही थी, चंद बिचौलियों के कारण उसके ऊपर ब्रेक लग गया है. लिहाजा एक तरफ जहां 'एक देश एक मंडी' की बात की जा रही है. वहीं दूसरी तरफ बिचौलिए पीएम के इस सपने को बट्टा लगा रहे हैं"- सुरेंद्र कुमार भगत, व्यापारी
कमीशन न देने को लेकर विवाद
नासिक के प्याज व्यापारी संघ के प्रेसिडेंट सोहन लाल भंडारी की दबंगई को इसका मुख्य कारण बताते हुए सुरेंद्र कुमार भगत ने कहा कि कुछ माह पूर्व कमीशन न देने को लेकर उनके बीच विवाद हुआ था. जिसके बाद सुरेंद्र सीधे किसान से प्याज की खरीदी कर पूर्णिया लाना चाह रहे थे. यह नासिक के व्यापारी संघ के अध्यक्ष को नागवार गुजरा. जिसके बाद पहले तो नासिक से सीमांचल आने वाले प्याज के रेलवे रैकों पर रोक लगाया गया. इसके बाद उन्हें और उनके परिवार को तरह-तरह की धमकी आने लगी. फर्जी केसों से लाद दिया गया. जिसके बाद उन्होंने कानूनी लड़ाई लड़ते हुए पुलिस का दरवाजा खटखटाया है.