पूर्णिया में हत्या मामले में गिरफ्कुतार अपराधी की कहानी. पूर्णियाः'कोई अपनी मां के कोख से अपराधी बनकर पैदा नहीं होता. बल्कि यहां के समाज और कानून उसे अपराधी बना देता है'. यह डायलॉग अक्सर हिन्दी फिल्मों में सुनने को मिलता है. ऐसा ही मामला बिहार के पूर्णिया से सामने आया है. दरअसल, STF ने 25000 रुपए इनामी कुख्यात अपराधी पवन सिंह को गिरफ्तार किया है. पवन पर एक शिक्षक सहित कई लोगों की हत्या का आरोप है. लेकिन पवन पर लगे आरोप भी कोई फिल्मी कहानी से कम नहीं है. आखिर क्यों RPF में कॉन्स्टेबल रह चुके पवन (RPF Constable Pawan Singh) को अपराध की दुनिया में आना पड़ा?
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चुनाव से शुरू हुई कहानीः साल 2017 की बात है. पवन सिंह सपहा थाना के टिकापट्टी के रहने वाला है. 2017 में पवन के पिता स्व. ज्ञानचंद्र सिंह मत्स्यजीवी सहयोग समिति से मंत्री पद के लिए चुनाव में खड़ा हुए थे. उस समय स्व. नागेश्वर मांडल जो पेशे से एक शिक्षक थे, उनका बेटा अखिलेश्वर सिंह भी चुनावी मैदान में था. अब एक गांव से दो लोग चुनाव में खड़ा होंगे तो कंपटीशन बढ़ेगा. जाहिर सी बात है कि नागेश्वर शिक्षक थे, पैसे वाले होंगे ही. लेकिन ज्ञानचंद्र भी कम नहीं थे. वे लगातार चुनावी मैदान में डटे रहे.
एक ही गांव से दो प्रत्याशीःप्रतिद्वंद्वी को ज्ञानचंद्र हजम नहीं को रहे थे. चुनाव नजदीक आने लगा था. प्रतिद्वंद्वी को लगा कि वह ज्ञानचंद्र के कारण चुनाव हार जाएगा. ज्ञानचंद्र के प्रतिद्वंद्वी गांव के लोगों को अपनी ओर कर लिया. एक दिन सभी लोग इकट्ठा होकर ज्ञानचंद्र के घर गए. सभी ने कहा कि एक गांव से चुनाव में दो लोग खड़े हैं, जिससे गांव के लोग कन्फ्यूजन है. सभी लोग बैठक कर तय कर लेते हैं कि कोई एक प्रत्याशी चुनाव लड़े. बैठक के लिए ज्ञानचंद्र ने हामी भर दी. इसके बाद सभी लोग बैठक के लिए चले गए.
बैठक के बहाने कर दी हत्याः ज्ञानचंद्र के परिवार यह नहीं पता था कि बैठक के बाद क्या रिज्लट होने वाला है. परिवार के लोगों लगा था कि बैठक में गए हैं फैसला होने के बाद आ जाएंगे. उस समय पवन सिंह RPF में कॉन्स्टेबल के पद पर कार्यरत थे. पवन उस समय अपनी ड्यूटी पर गए हुए थे. बैठक के कुछ देर बाद सूचना मिली की ज्ञानचंद्र की हत्या कर दी गई है. दो दर्जन बदमाशों ने मिलकर ज्ञानचंद्र की नृशंस हत्या कर दी. उनके आंख निकाल ली गई. उनके कान सहित शरीर के हर हिस्से में गर्म रॉड से छेद कर दिया. स्थिति ऐसी थी कि उन्हें पहचान पाना मुश्किल था.
पुलिस ने नहीं की कोई कार्रवाईः जिस समय ज्ञानचंद्र की हत्या हुई उस समय उनका बेटा पवन सिंह ड्यूटी पर अपना फर्ज पूरा कर रहा था. जब हत्या की सूचना मिली तो वह तुरंत अपने घर के लिए निकल गया. ज्ञानचंद्र की हत्या से घर में कोहराम मचा हुआ था. पवन सिंह ने अपने पिता की हत्या का आरोप शिक्षक नागेश्वर मंडल सहित कई लोगों पर लगाया था. पवन अपनी पिता के हत्यारे पर कार्रवाई के लिए पुलिस और कोर्ट का चक्कर लगाता रहा लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
परिवार को लगातार मिलती रही धमकीः पवन पिता के इंसाफ के लिए दर दर भटकता रहा. लेकिन न उन्हें पुलिस का सहयोग मिला और न ही कानून से सहारा. इस मामले में पुलिस ने भी कोई कार्रवाई नहीं की. लेकिन पवन ने हार नहीं माना. इंसाफ की लड़ाई लड़ता रहा. लेकिन बदमाशों को यह भी बर्दाश्त नहीं हुआ. लगातार पवन को धमकी मिलने लगी. इनके परिवार और पत्नी को धमकाया जाने लगा. हर बार हत्या की धमकी दी जाने लगी. इसकी शिकायत करने के बाद भी पुलिस के कान पर जूं तक नहीं रेंगा.
पवन को पुलिस ने किया गिरफ्तारः ज्ञानचंद्र की हत्या के आरोपी शिक्षक नागेश्वर मंडल की भी हत्या हो जाती है. जिसका आरोप RPF के कॉन्स्टेबल पवन सिंह पर है. पवन पर शिक्षक नागेश्वर मंडल सहित कई लोगों की हत्या का आरोप है. जिस मामले में पुलिस कई दिनों से छापेमारी कर रही थी. 21 जनवरी को पूर्णिया में STF ने पवन सिंह सहित उसके एक साथी को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने बताया कि पवन के घर से देसी पिस्टल, 1 करवाइन, 30 जिंदा गोली, एक खोखा, दो मैगजीन, दो सीलिंग, लाल रंग की पुलिस की बेल्ट और पोच बरामद किया गया है.
पवन ने बताया आरोप को गलतः पुलिस ने अनुसार पवन सिंह का पुराना अपराधिक इतिहास रहा है. टीकापट्टी थाना और कुरसेला थाना में 5 से अधिक मामले दर्ज हैं. हलांकि माडिया ने जब इस आरोप के बारे में पवन से बात की तो उसने पूरी कहानी बताई. कहा कि सभी आरोप गलत है. पुलिस ने जान बूझकर मेरे उपर इस तरह का आरोप लगा रही है. जिस समय मेरे पिता की हत्या कर दी गई उस समय कोई देखने नहीं आया. लेकिन आज सभी मेरे ऊपर गलत आरोप लगा रहे हैं. मैने कोई बदला नहीं लिया. बता दें कि पवन की पत्नी चंचल कुमारी कोयली सिमरा पश्चिमी पंचायत की मुखिया है.