पूर्णिया: बिहार सरकार लगातार सरकारी अस्पताल को दुरुस्त करने की बात कर रही है. लेकिन, जमीनी स्तर पर विफल साबित हो रही है. इस अस्पताल में सुविधा के नाम पर सिर्फ उम्मीद ही मिल रही है. जिससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
पूरा मामला
दरअसल, जिले के ससरी थाना स्थित पारस मनी गांव के 55 वर्षीय बुजुर्ग राजू मंडल को देर रात इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया था. अस्पताल में स्ट्रेचर की सुवाधा नहीं होने से मरीज को गोद में उठाकर सर्जिकल वार्ड में भर्ती कराया गया था. जिससे ये साफ स्पष्ट होता है कि सराकर स्वास्थय विभाग को लेकर कितनी चिंतित है.
नदारद हैं सुविधा
इंद्र नारायण झा, अस्पताल अधीक्षक परिजनों ने बताया कि सड़क हादसे में बुजुर्ग का पैर पूरी तरह से टूट गया था. जिसके बाद आनन-फानन में उन्हें सदर अस्पताल में लाया गया. लेकिन, जब यहां स्ट्रेचर खोजा गया. तब मालूम चला कि यहां स्ट्रेचर की सुविधा नदादर है. जिससे मरीज को गोद में उठाकर भर्ती कराना पड़ा. परिजनों का आरोप
परिजनों की माने तो सर्जिकल वार्ड के 10 नम्बर बेड पर भर्ती बुजुर्ग के जांच के लिए जाने से पहले स्ट्रेचर नहीं होने का सवाल किया. इस पर अस्पतालकर्मी ने काफी असहज तरीके से परिजनों के साथ पेश आया. अस्पताल प्रशासन द्वारा ये कहा गया कि यहां स्ट्रेचर नहीं है. आप गोद में उठाकर मरीज को इलाज के लिए ले जाए.
बदहाल है इस अस्पताल की स्थिति आरोप निराधार- अधीक्षक
इस पूरे मामले में सदर अस्पताल के अधीक्षक इंद्र नारायण झा ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में पांच स्ट्रेचर मौजूद हैं. परिजनों ने स्ट्रेचर की मांग नहीं की.