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पूर्णिया से देगी मानसून दस्तक, खुशी से खिले अन्नदाताओं के चेहरे - धान के लिए फायदेमंद

पर्यवेक्षक एस. के. सुमन ने बताया कि लोग सोच रहे हैं कि इस बार लॉकडाउन के कारण बारिश अधिक होगी. क्योंकि, ट्रफ लाइन शिफ्ट करके सेंट्रल इंडिया की ओर चली गई है. उन्होंने बताया कि अभी जो बादल दिखाई दे रहे हैं वह कंडेनसेशन के कारण बने हैं.

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Published : Jun 14, 2020, 2:56 PM IST

पूर्णियाःबिहार में इस साल मानसून की दस्तक जिले से होगी. 17 जून को पहली धमक के साथ मानसून बंगाल की खाड़ी से होते हुए मिनी दार्जिलिंग कहे जाने वाले पूर्णिया में प्रवेश करेगी. इसके आगमन से किसानों के चेहरे चमक उठे हैं. वहीं, प्रकृति प्रेमियों में इसे लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है.

पूर्णिया से होगी एंट्री
मौसम विभाग के पर्यवेक्षक एस के सुमन ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव क्षेत्र के बनने से इस बार बिहार में मानसून की पहली एंट्री पूर्णिया में होगी. जिसके बाद ये क्लाउड अरिरिया, किशनगंज कटिहार होते हुए राज्य के बाकी जिलों में प्रवेश करेगा. मानसून का महीना जून से लेकर सितंबर तक होता है. हालांकि आईएमडी के मुताबिक इन 4 महीनों के पीरियड में इस बार रेनफॉल पिछले साल की अपेक्षा 5 फीसद घट गई है.

देखें रिपोर्ट

हेवी रेन के आसार
पर्यवेक्षक एस के सुमन ने बताया कि लोगों सोच रहे हैं कि इस बार लॉकडाउन के कारण बारिश अधिक होगी क्योंकि ट्रफ लाइन शिफ्ट करके सेंट्रल इंडिया की ओर चली गई है. उन्होंने बताया कि अभी जो बादल दिखाई दे रहे हैं वह कंडेनसेशन के कारण बने हैं. यह एक्चुअल मानसून की बजाए स्टेटस क्लाउड्स हैं. पर्यवेक्षक ने बताया कि क्युनबलनिबस क्लाउड के कारक इस बार ज्यादा सक्रिय होंगे. जिस वजह से थंडर स्टॉर्म, लाइटिंग और हेवी रेन के आसार ज्यादा रहेंगे.

मानसून के पहले छाए बादल

धान के लिए फायदेमंद
मानसून को लेकर किसानों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. किसान जहां इसके पहले आगमन को धान के बीज की बुआई के लिए बेहद फायदेमंद बता रहें हैं. वहीं भीषण गर्मी से परेशान आमलोग भी मानसून के आगमन से राहत महसूस कर रहे हैं. किसान सुरेश मंडल ने बताया कि भरपूर बारिश से सिंचाई पर खर्च होने वाले रुपए सीधे तौर पर बच जाते हैं. साथ ही फसल अच्छी होती है. पहली बारिश की शुरुआत में जिले के किसान इंद्र देव की पूजा करते हैं.

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