पूर्णिया: मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है. इस मशहूर वाक्य को जिले के मिराज जमील ने सच कर दिखाया है. मिराज जमील ने 63वीं बीपीएससी परीक्षा को क्रैक कर दूसरों के लिए मिसाल पेश किया है. मिराज जमील ने अपना अनुभव ईटीवी भारत से साझा किया.
मिराज जमील महज 24 साल के हैं. लेकिन, उन्होंने यह कीर्तिमान हासिल कर औरों के लिए एक सकारात्मक संदेश दिया है कि किसी भी चीज को हासिल करने के लिए अपने लक्ष्य पर फोकस रखना चाहिए. जब लक्ष्य फोकस रहेगा तो मंजिल पाना आसान हो जाता है.
ये है मिराज की कहानी
मिराज जमील ने बताया कि वह अपनी 10वीं और 11वीं की पढ़ाई पूर्णिया से ही की. इसके बाद वहइलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशनमें बीटेक करने देहरादून चले गए. अपनी बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह सिविल सर्विसेजके लिए सेल्फ स्टडी में जुट गए. उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्होंने अपना सारा फोकस अपने लक्ष्य पर रखा. मिराज जमील ने बताया कि उन्होंने पहले यूपीएससी की तैयारी की. जिसमें तीन दफा पीटी एक्जाम में विफल हो गए. लेकिन, उन्होंने अपनी उम्मीद नहीं छोड़ी. मिराज उसके बाद बीपीएससी की तैयारी में लग गए. अपनी एकाग्रता को भंग किए बगैर उन्होंने पूरी ईमानदारी से पढ़ाई की और बीपीएससी में तीसरी रैंक लाकर दूसरों के लिए मिसाल पेश कर दिया और सीमांचल का नाम रोशन किया है.