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मिलिए, पूर्णिया के होनहारों से जिन्होंने BPSC परीक्षा में रचा इतिहास

64वीं बीपीएससी परीक्षा के नतीजे घोषित किए जा चुके हैं. पूर्णिया के कई अभ्यर्थियों ने परीक्षा में शानदार कामयाबी हासिल की है. सारी कठिनाइयों के बावजूद इन्होने कामयाबी को छूआ है. देखिए ये खास रिपोर्ट

64वीं बीपीएससी परीक्षा में अपना परचम लहराने वाले अभ्यर्थी
64वीं बीपीएससी परीक्षा में अपना परचम लहराने वाले अभ्यर्थी

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Published : Jun 8, 2021, 11:14 AM IST

पूर्णिया: 64वीं बीपीएससी परीक्षा ( BPSC Exam) के नतीजे घोषित किए जा चुके हैं. जिले भर से कई नौनिहालों ने इस कठिन परीक्षा में अपना परचम लहराया है. जिले के अभिषेक नंद ने जहां 138वां रैंक हासिल किया है. तो वहीं सामाजिक मिथकों को तोड़ते हुए तरन्नुम ने तीसरे प्रयास में बीपीएससी परीक्षा पास कर ली है. उनका चयन जिला कल्याण पदाधिकारी के लिए हुआ है. वहीं बड़े भाई की मौत के बाद उनके सपनों को पूरा करने के लिए बीपीएससी की पढ़ाई में भीड़ने वाले कुमार उत्कर्ष ने अपने पहले ही प्रयास में बाजी मारते हुए 746वां रैंक हासिल किया है.

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तरन्नुम ने तोड़ा समाज का मिथ्य
जिले के सुदूर ग्रामीण इलाके की छात्रा तरन्नुम 64वीं लोक सेवा आयोग की परीक्षा में अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी के तौर पर चयनित हुईं हैं. तरन्नुम ऐसे समाज से आती हैं जहां लड़कियों के लिए उच्च शिक्षा अभिशाप से कम नहीं. जिले के बायसी अनुमंडल के मलहरिया पंचायत की रहने वाली तरन्नुम किसान मसूद आलम की बेटी हैं. तरन्नुम तीसरे प्रयास में जिला कल्याण पदाधिकारी के पद पर चयनित हुईं हैं. तरन्नुम सात भाई बहनों में दूसरे स्थान पर हैं. तरन्नुम की प्रारंभिक शिक्षा पूर्णिया में हुई और उच्च शिक्षा पटना में. इस दौरान उन्होंने नेट की परीक्षा में भी बाजी मारी.

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ये भी पढ़ें-पटना: 64वीं बीपीएससी में मसौढ़ी की वीणा कुमारी का हुआ चयन, लोगों मे खुशी का माहौलआर्थिक रोड़ा के बावजूद भेद ली BPSC की दीवारवहीं आर्थिक परेशानियों के बावजूद तरन्नुम ने घुटने नहीं टेकें और 3 साल की कड़ी मेहनत से तरन्नुम ने बीपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को पास कर लिया. 'पूरी निष्ठा के साथ अगर पढ़ाई की जाए तो सफलता जरूर मिलेगी.' : तरन्नुम, बीपीएससी सफल अभ्यर्थी
64वीं बीपीएससी परीक्षा में अपना परचम लहराने वाले अभ्यर्थी

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रेगुलर स्टडी से बनाया राहों को आसान
वहीं तरन्नुम के पिता मसूद आलम की माने तो मुस्लिम समुदाय के कुलहरिया बिरादरी से आने वाली तरन्नुम ऐसी पहली लड़की हैं. जिसने इतनी बड़ी कामयाबी हासिल की है. 'इस समाज में लड़कियां उच्च शिक्षा अमूमन नहीं प्राप्त करती. जरूरी नहीं कि बीपीएससी और यूपीएससी जैसी परीक्षा को पास करने के लिए 18 घंटे पढ़ाई की जाए. रेगुलर स्टडी हो और कांसेप्ट क्लियर हो तो किसी भी परीक्षा में बड़ी ही आसानी से सफलता अर्जित की जा सकती है.': तरन्नुम, बीपीएससी सफल अभ्यर्थी

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पहले ही प्रयास में मिला 786वां स्थान
वहीं अपने पहले ही प्रयास में बीपीएससी जैसे कठिन परीक्षा में 786 रैंक हासिल करने वाले कुमार उत्कर्ष बताते हैं उनके बड़े भाई का सपना था कि वे एक बड़े अफसर बने. लेकिन एक सड़क दुर्घटना में उनकी भाई की मौत हो गई. जिसके बाद उनकी बड़ी मां ने उनके सारे किताबों को उत्कर्ष को सौंप दिया. फिर क्या था, बड़े भाई के सपने को पूरा करने में उत्कर्ष भिड़ गए. सेल्फ स्टडी और ऑनलाइन स्टडी से कुमार उत्कर्ष ने अपने पहले ही प्रयास में बीपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को पास कर लिया. उत्कर्ष को 786वां रैंक हासिल हुआ है.

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