बिहार

bihar

ETV Bharat / state

लोजपा का आरोप - सक्रिय होता प्रशासन तो बच जाती अनिल उरांव की जान - लोजपा नेता की हत्या

लोजपा नेता अनिल उरांव की हत्या के मामले को लेकर लोकजनशक्ति पार्टी ने पुलिस पर आरोप लगाया है. लोजपा के प्रधान महासचिव संजय पासवान ने इसके लिए पुलिस की निष्क्रियता को जिम्मेदार ठहराया है.

PATNA
लोजपा के प्रधान महासचिव संजय पासवान

By

Published : May 2, 2021, 12:05 PM IST

Updated : May 2, 2021, 12:45 PM IST

पटनाः लोक जनशक्ति पार्टी के आदिवासी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल उरांवकी अपहरण के बाद हत्या के लिए प्रशासन की निष्क्रियता को जिम्मेदार ठहराया गया है. लोजपा के प्रधान महासचिव संजय पासवान ने आरोप लगाया कि पुलिस की निष्क्रियता की वजह से ही अनिल उरांव की हत्या हुई है. उन्होंने कहा कि पुलिस ने अगर तत्परता दिखाई होती तो अनिल उरांव की हत्या नहीं होती.

इसे भी पढे़ंःपूर्णियाः लोजपा आदिवासी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल उरांव का अपहरण, 10 लाख की फिरोती की मांग

चिराग पासवान ने पूर्णिया एसपी से की थी बात
लोजपा के प्रधान महासचिव संजय पासवान ने कहा कि जिला प्रशासन को 3 दिन पहले सूचना दी गई थी. खुद लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने पूर्णिया एसपी से बात कर अनिल उरांव को अपराधियों से मुक्त कराने का मांग की थी. एसपी ने आश्वासन दिया था कि जल्द अपराधियों से लोजपा नेता को मुक्त करा लिया जायेगा. चिराग पासवान लोजपा नेता के परिवार के लोगों से लगातार संपर्क में थे.

'पुलिस और सरकार गंभीर होती तो अनिल उरांव को बचाया जा सकता था. जिला प्रशासन गंभीर नहीं था, जिला प्रशासन जल्द से जल्द अपराधियों को गिरफ्तार करें और स्पीडी ट्रायल चला कर सजा दिलाने का काम करें.'संजय पासवान, लोक जनशक्ति पार्टी के प्रधान महासचिव

देखें रिपोर्ट

30 अप्रैल को हुआ था अपहरण
हाट थाना क्षेत्र के रेलवे कोर्ट स्टेशन के पास से लोजपा आदिवासी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल उरांव का अपराधियों ने उस समय अपहरण कर लिया था जब वे अपने घर से टहलने के लिए निकले थे. पीड़ित परिवार ने स्थानीय थाने में अपहरण का मामला दर्ज कराकर सकुशल रिहाई कराने की गुहार लगाई थी.

इसे भी पढे़ंःलोजपा नेता अनिल उरांव का मिला शव, 30 अप्रैल को हुआ था अपहरण

घटना के संबंध में जानकारी देते हुए पीड़ित के परिजनों ने बताया था कि ‘अनिल घर से टहलने के लिए निकले थे. जब देर शाम तक घर वापस नहीं आए तो उनके मोबाइल पर कॉल किया गया. लेकिन मोबाइल बंद बता रहा था.’ उन्होंने बताया कि लगातार मोबाइल बंद आने से अनहोनी की आशंका होने लगी.

कुछ देर बाद घर के नंबर पर फोनकर अनिल के अपहरण की सूचना दी गई और 10 लाख रुपये की फिरौती की मांग की गई. बता दें कि अनिल उरांव कटिहार जिले के मनिहारी विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं.

Last Updated : May 2, 2021, 12:45 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details