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पूर्णिया: जॉब प्रोफेशनल्स ग्रामीणों की मदद को आए सामने, सुदूर गांवों में पहुंचा रहे राहत सामग्री

बनमनखी प्रखंड के घरहरा गांव में कुछ आईटी फील्ड से जुड़े जॉब करने वाले व स्टूडेंट्स ने रविवार को राशन के साथ-साथ आवश्यक सामानों का वितरण किया. इन जॉब प्रोफेशनल्स और स्टूडेंट्स की टीम द्वारा जिले के सुदूर गांवों में जरूरतमंद किसानों और मजदूरों को मदद पहुंचायी जा रही है.

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Published : Apr 19, 2020, 4:37 PM IST

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पूर्णिया: लॉकडाउन ने लाइफ के हर हिस्से को प्रभावित किया है. वहीं इसका सबसे अधिक असर ग्रामीण जनजीवन पर पड़ा है. खेती-बाड़ी और मजदूरी कर किसी तरह घर चलाने वाले किसानों और मजदूरों की लॉकडाउन ने पूरी तरह कमर तोड़ दी है. इसी बीच कुछ प्रोफेशनल्स और स्टूडेंट्स सुदूर में गांवों तक जाकर जरूरतमंदों तक मदद पहुंचा रहे हैं.

दरअसल बनमनखी प्रखंड के घरहरा गांव में कुछ आईटी फील्ड से जुड़े जॉब करने वाले व स्टूडेंट्स ने रविवार को राशन के साथ-साथ आवश्यक सामानों का वितरण किया. इन जॉब प्रोफेशनल्स और स्टूडेंट्स की टीम द्वारा जिले के सुदूर गांवों में जरूरतमंद किसानों और मजदूरों को मदद पहुंचायी जा रही है.

पेश है एक रिपोर्ट

ग्रामीणों की मदद बेहद जरुरी
राशन सामग्री बांट रहे एस राज कहते हैं कि लॉकडाउन के बाद शहर के तमाम इलाकों तक निजी व सरकारी इकाइयों, समाजसेवियों, राजनीतिक और धार्मिक संगठनों द्वारा मदद पहुंचाई जा रही है. लेकिन लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर ग्रामीण जनजीवन पर पड़ा है. उन्होंने बताया कि अपने दोस्तों के साथ मिलकर उन्होंने ग्रामीण इलाकों में मदद पहुंचाने का फैसला लिया. हमने पैसे जमा कर राशन और जरुरी सामान खरीदा. जिसके बाद एक ग्रुप बनाकर प्रखंडवार ग्रामीण बस्तियों का चयन किया. जिसके तहत हम सभी साथियों की मदद से ये सामग्रियां ग्रामीण जरूरतमंदों तक पहुंचा रहे हैं. हमारे इस टीम में कुल 7 लोग हैं जिनमें 3 जॉब प्रोफेशनल तो वहीं 4 स्टूडेंट्स हैं.

स्टूडेंट्स कि यह पहल है मददगार
वहीं ग्रामीण गुलाबचंद साह ने बताया कि लॉकडाउन के कारण हम बेरोजगार हो गए हैं और दाने -दाने को मोहताज हैं. वहीं पुलिसिया सख्ती के चलते किसानों का खेतों तक जाना दूभर हो गया है. जिसके चलते सभी के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है. सरकार की ओर से दिए जा रहे चावल पूरी तरह खराब हैं और खाने लायक नही है. ऐसे में स्टूडेंट्स की ये टोली गांवों में घूमकर जिस तरह मदद पहुंचा रही है, इससे काफी मदद मिली है.

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