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समय के साथ बदलाव कर डाकघर बना देश का सबसे विशाल नेटवर्क, हर तीसरा व्यक्ति बना ग्राहक

देश में जहां इस वक्त कुल 650 आईपीपीबी शाखाएं हैं. वहीं, शहरों और गांवों को मिलाकर 2 लाख 55 हजार एक्सेस पॉइंट (डाकघरों पर आईपीपीबी भुगतान की सुविधा) उपलब्ध है.

पूर्णिया का डाकघर

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Published : Aug 11, 2019, 3:32 PM IST

पूर्णिया: केंद्र सरकार की डिजिटल इंडिया मुहिम में भारतीय डाकघर की अग्रणी भूमिका है. बेहद कम समय में एक बार फिर डाकघर ने ग्राहकों का एक विशाल नेटवर्क खड़ा किया है. इसमें डाक विभाग की जितनी महत्वपूर्ण भूमिका है उतनी ही अहम भूमिका इसके भुगतान सेवा आईपीपीबी (इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक) की है. आज पूरे देश में 650 आईपीपीबी शाखा उपलब्ध है. इंडियन पोस्ट ऑफिस की मानें तो देश का हर तीसरा व्यक्ति आज डाक विभाग का ग्राहक है.

पूर्णिया डाकघर के कर्मी

दरअसल, भारतीय डाकघर के 2015 के सरकार की डिजिटल इंडिया मुहिम से जुड़ने के साथ ही गुजरे पांच साल यानी अब तक का सफर बेहद उल्लेखनीय रहा. डिजिटल इंडिया प्रोग्राम से जुड़ने के बाद एक-एक कर भारतीय डाक विभाग ने इन 4 वर्षों के सफर में अपने सभी 1 लाख 55 हजार डाकघरों को इंटरनेट कनेक्टिविटी से जोड़ लिया. इससे डाकघर के साथ ही आईपीपीबी की सेवा लेने वाले ग्राहकों की संख्या बढ़ी. 2012-2014 वह साल था जब भारतीय डाकघर अपने क्षेत्र में निजी कंपनियों के प्रवेश के बाद पहचान खोने की कगार पर था. वर्ष 2015 में देश के नये पीएम की ओर से लॉन्च डिजिटल इंडिया मुहिम भारतीय डाकघर के लिए एक नया बदलाव साबित हुआ. वहीं, डिजिटल बनाने के साथ ही भारतीय डाकघर ने डाक सेवा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाया.

डिजिटल इंडिया के जरिये बदला भारतीय डाकघर

भारतीय डाकघर और आईपीपीबी की उपलब्धियां
देश के बाकी बैंकों की तरह महज बड़े और स्मार्ट शहरों में ही नहीं बल्कि अपने विशाल नेटवर्क का फायदा उठाते हुए भारतीय डाकघर ने छोटे जिले से लेकर सुदूर गावों में आईपीपीबी का भुगतान सेवा केंद्र बनाया. देश में जहां इस वक्त कुल 650 आईपीपीबी शाखाएं हैं. वहीं, शहरों और गांवों को मिलाकर 2 लाख 55 हजार एक्सेस पॉइंट (डाकघरों पर आईपीपीबी भुगतान की सुविधा) उपलब्ध है. इसमें शहरी क्षेत्रों के 1 लाख 20 हजार एक्सेस पॉइंट, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के 1 लाख 33 हजार एक्सेस पॉइंट शामिल हैं. अगर बात करें पूर्णिया प्रमंडल की तो इसके 4 जिलों के हर एक जिले में 500 से अधिक डाकघर और एक्सेस पॉइंट में आईपीपीबी की सुविधा मौजूद हैं. इसमें पूर्णिया-अररिया मिलाकर 340 और कटिहार-किशनगंज जोड़कर 200 के करीब हैं. आपको बता दें कि भारतीय डाकघर की बैंकिंग सेक्टर की पारी के शुरूआत से अब तक 19 करोड़ से अधिक खाते खोले जा चुके हैं. वहीं, पूर्णिया प्रमंडल के पूर्णिया में 33 हजार खाताधारक, अररिया में तकरीबन 23 हजार, कटिहार में तकरीबन 27 हजार, तो वहीं किशनगंज में आईपीपीबी खाता धारकों की संख्या तकरीबन 21 हजार है. जो किसी भी बैंकों के लिए किसी करिश्मे से कम नहीं है.

इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक(आईपीपीबी)

भारतीय डाकघर देती है बहुत सारी सुविधाएं

भारतीय डाकघर और आईपीपीबी ने अपनी सेवाओं से देश के तकरीबन हर तीसरे व्यक्ति को खुद से जोड़ रखा है. यह अपने ग्राहकों को सभी प्रकार की सेवा देता है. जैसे:

  • पासपोर्ट सेवा
  • पेंशनरों के लिए जन्म प्रमाण पत्र निर्गत सेवा
  • आधार कार्ड अपडेशन सेंटर
  • पोस्ट ऑफिस फ्रेंचाइजी सेवा
  • सरकार की डायरेक्टर बेनिफिट सेवा
  • पोस्टल लाइफ इन्शोरेंस सेवा
  • पीपीए अकाउंट सेवा
  • सक्षम ग्राम सेवा
  • इंस्ट्रेस्ट एकाउंट ओपनिंग फैसिलिटी

डाकघर बना देश का सबसे विशाल नेटवर्क
भारतीय डाकघर जब डिजिटल इंडिया मुहिम से जुड़ा तो इसने पोस्ट ऑफिस के देश भर के शाखाओं को टेक्नोलॉजी के जरिये अपग्रेड किया. इससे कोर बैंकिंग सल्यूशन और पोस्ट ऑफिस इंटनेट के जरिये एक-दूसरे से जुड़ गये. इसके बाद देश के हर कोने में मनी ट्रांसफर, इंटरनेट बैंकिंग और ई-कॉमर्स जैसी दर्जनों सुविधाएं मिनटों में मिलनी शुरू हो गई. वहीं, पोस्ट ऑफिस की तरफ ग्राहकों का रुझान बढ़ा. पासपोर्ट सेवा पोस्ट ऑफिस में आते ही लोगों ने हाथों-हाथ इसमें खाते खुलवाने शुरु कर दिये. इस वक़्त पूर्णिया में 2 पासपोर्ट सेवा केंद्र हैं.

कार्य करते कर्मी
वहीं, जिले के डाकघरों में 23 हजार आधार अपग्रेडेशन सेंटरों ने भी लोगों को आईपीपीबी की ओर आकर्षित किया. आधार संशोधन और नया आधार बनवाने आ रहे लोगों को आईपीपीबी की खूबियों और मुनाफों से अवगत कराया जाने लगा. इसके बाद ही लोगों ने बड़ी तादाद में आईपीपीबी में अपने खाते खुलवाए. इस बदलाव के बाद डाकिया खुद डाक बैंक बन गया. इससे लोगों को यह फायदा हुआ कि लोगों को अब बैंक जाकर घण्टों लंबे लाइन में नहीं लगना पड़ता था. आज अकेले पूर्णिया प्रमंडल में इस वक़्त 5 हजार से ज्यादा कर्मी इस सेवा को और अच्छा बनाने में लगे हुए हैं. वहीं, देश भर में 3 लाख से अधिक कर्मी इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं.
भारतीय डाकघर देश का सबसे विशाल नेटवर्क

सरकार के योगदान से डाकघर को हुआ फायदा
सभी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम के तहत सरकार की ओर से दी जाने वाली छात्रवृति, मनरेगा, उज्ज्वला जैसी योजनाओं के लिए दी जाने वाली राशि को सीधे आईपीपीबी खाते में भेजे जाने का निर्णय सरकार ने लिया. इससे शहर के साथ ही ग्रामीण परिवेश की बड़ी आबादी ने आईपीपीबी से जुड़ना शुरु किया. वहीं, पोस्ट ऑफिस की फ्रेंचाइजी स्कीम से जुड़ी पहल सुदूर गांव और उनके पंचायतों में कम लागत के साथ अधिक मुनाफे वाले रोजगार ले कर आई. अब तक बेरोजगार बैठे कम पूंजी वाले ग्रामीणों ने पोस्ट ऑफिस की फ्रेंचाइजी ली. पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम ने इसे एक नई पहचान दिलवाई. पूर्णिया प्रमंडल के सभी चार जिलों में अब तक 4 लोगों ने यह स्कीम ले रखी है. हाल में ही पूर्णिया प्रमंडल सहित देश भर के ग्रामीण क्षेत्रों को डाक विभाग की ओर से सक्षम ग्राम योजना के तहत एक विशाल नेटवर्क के रुप में बदला जा रहा है.

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