पूर्णिया: पूरे प्रदेश में होली को लेकर उत्साह है. होली मनाने के पीछे एक प्राचीन कथा है. होलिका दहन से संबंधित प्राचीन मान्यताएं यहां से भी जुड़ी हुई है. लोगों का मानना है कि भक्त प्रह्लाद को बचाने के लिए भगवान नरसिंह यहीं अवतार लिए थे. तभी तो धरहरा गांव में मंदिर में दर्शन करने के लिए दूर- दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं.
जिला मुख्यालय से करीब 40 किमी दूर बनमनखी प्रखंड स्थित धरहरा गांव में एक प्राचीन मंदिर है. पौराणिक कथाओं के अनुसार यहीं भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए एक खंभे से भगवान नरसिंह ने अवतार लिया था. भगवान नरसिंह के अवतार से जुड़ा खंभा (माणिक्य स्तंभ) आज भी यहां मौजूद है. कहा जाता है कि इसे कई बार तोड़ने का प्रयास किया गया. इससे ये टूटा तो नहीं, लेकिन ये स्तंभ झुक गया. भगवान नरसिंह के इस मनोहारी मंदिर में भगवान ब्रह्मा, विष्णु व शंकर समेत 40 देवताओं की मूर्तियां स्थापित है.
धुरखेल होली खेलने की है मान्यता