पूर्णियाःसूबे के पिछड़े/अतिपिछड़ों तबके को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए राज्य सरकार ने अनूठी पहल की शुरुआत की है. जिसके तहत अब आर्थिक रूप से कमजोर पिछड़े और अतिपिछड़े तबके के छात्र बगैर किसी शुल्क के प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे. लिहाजा सरकार संचालित प्राक परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र की ओर से पूर्णिया कॉलेज में आज लिखित परीक्षा आयोजित की गई. जहां 60 सीटों के लिए सैकड़ों स्टूडेंट्स परीक्षा में शामिल हुए.
'क्या है प्राक परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र'
प्राक परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र सरकार सरकार की ओर से संचालित विशिष्ट शिक्षण इकाई है. जिसके तहत सूबे के आर्थिक रूप से कमजोर पिछड़े /अतिपिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती है. यह विशेष सुविधा सूबे के तकरीबन सभी जिले के तमाम मॉडल कॉलेजों में बीते 3 सालों से दी जा रही है. गौर करने वाली बात यह है कि ज्यादातर छात्र को सरकार की इस विशेष योजना की जानकारी नहीं है. जिसके अभाव में वह सरकार की इस विशेष योजना का लाभ नहीं ले पाते हैं. प्रशिक्षण केंद्र का असल मकसद आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी से वंचित बच्चों को एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराना है.
'कौन दे सकता है परीक्षा'
पूर्णिया विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर व प्राक परीक्षा प्रशिक्षण केंन्द्र के शिक्षक नवनीत कुमार बताते हैं कि इसके तहत इंटरमीडिएट व ग्रेजुएट लेवल की परीक्षा आयोजित की जाती है. उन्होंने बताया कि इंटर पास स्टूडेंट्स 60 सीटों के लिए 1 घंटे की लिखित परीक्षा में बैठते हैं. उन्होंने बताया कि प्रश्नपुस्तिका में वैसे प्रश्न चयनित किए जाते हैं जिन्हें किसी प्रतियोगिता परीक्षाओं में पूछा गया हो. आयोजित परीक्षा में छात्रों को जनरल साइंस ,जनरल नॉलेज ,गणित ,इतिहास विषय के कुल 100 प्रश्नों का जवाब देना होता है. इनमें से चयनित स्टूडेंट्स की काउंसलिंग कराई जाती है. चयनित छात्रों में यह तय होता है कि किन बच्चों को एसएससी, रेलवे, पुलिस सेवा, नेवी, बैंकिंग जैसे अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करनी है.