पूर्णिया:जिले में होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया. जहां ब्रज की तर्ज पर पुष्प और चंदन की होली खेली गई. इस दौरान बूढ़े हों या नौजवान, बच्चे हों या फिर महिलाएं और पुरुष, पुष्पों की बारिश के बीच होली के गीतों पर जमकर ठुमके लगाते नजर आए. होली के रंग में रंगे लोगों ने पुष्प और चंदन की होली खेलकर एक दूसरे को बधाइयां बांटी गई.
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लोगों ने खेली पुष्प और चंदन की होली
कार्यक्रम का आयोजन जिला स्कूल ग्राउंड के उसी हिस्से में किया गया. जहां योग विज्ञान संस्थान की ओर से जिले के सैकड़ों लोगों को योग अपना कर कोरोना संक्रमण के दौर में खुद को स्वस्थ और सेहतमंद रखने का प्रशिक्षण दिया जाता है. आम दिनों की तरह ही लोगों ने योग किया मगर आयोजन के मौके को खास बनाते हुए प्रशिक्षण के बाद लोगों ने पुष्प और चंदन की होली खेली.
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होली की खुमारी में डूबे प्रशिक्षु
योग अपनाकर संक्रमण काल में खुद को फिट और फाइन रखने वाली महिलाएं हो या पुरुष, बुजुर्ग या बच्चे सभी पुष्प और चंदन की होली के रंग में रंगे नजर आए. पुष्प की बारिश के बीच गूंजते होली की गीतों पर सबने जमकर ठुमके लगाए. पुष्प और चंदन की होली खेलते लोगों का रंगों के त्योहार की खुमारी पूरी तरह छायी नजर आयी.
ब्रज की तर्ज पर पूर्णिया में होली
योग विज्ञान संस्थान के जिला प्रधान राज कुमार शर्मा ने कहा कि ये पारंपरिक होली है. ब्रज समेत भारत के कई हिस्सों में पुष्प और चंदन की ही होली खेलने की परंपरा है. गेंदे का फूल और चंदन दोनों ही काफी लाभकारी है. वहीं, रंगों में घुले खतरनाक कैमिकल्स से इतर इससे ना चेहरे के नुकसान का खतरा है और ना रंगों को छुड़ाने के दौरान मसहूस होने वाले जलन का. स्वास्थ्य के लिए भी यह बेहद अच्छा है. यह आपसी सद्भाव और भाईचारे का प्रतीक है.
ताकि फीकी न पड़े रंगों के त्योहार की रौनक
संस्थान की प्रशिक्षु महिलाओं ने कहा कि कोरोना काल में खुद को स्वस्थ और सेहतमंद रखना आवश्यक है. लिहाजा खुद को फिट और फाइन रखने की जुगत में बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक पर्व होली जैसे प्रमुख त्योहार की रौनक फीकी न पड़े, इसके लिए उनलोगों ने पुष्प और चंदन की होली खेली है.
वर्षों से खेली जा रही है पुष्प और चंदन की होली
गौरतलब हो कि पिछले कई वर्षों से जिले में पुष्प और चंदन की होली का आयोजन किया जा रहा है. इसके जरिए जहां लोगों को कई तरह के संदेश दिए जाते हैं. वहीं, ब्रज की होली को भी याद किया जाता है.