पूर्णिया: गंगा ने अपना रुख बदलकर पूर्णिया के सीमांचल में कहर बरपाया है. कई गांव में गंगा ने लोगों को बेघर (Flood In Purnea) कर दिया है. बेघर हुए लोग मचान एवं ऊंचे स्थानों पर शरण लेने के लिए मजबूर हो गए हैं. प्रशासन की लापरवाही यहां साफ-साफ दिखाई पड़ रही है.
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मवेशी को तो लोगों ने ऊंची जगह पर पहुंचा दिया है, पर चारा के लिये अभी भी उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस कहर में पूर्णिया के रूपौली प्रखंड (Rupauli Block) के लगभग 10 गांव प्रभावित हुए हैं. पहले पूर्णिया के सीमांचल में कोसी नदी का कहर देखने को मिलता था. मगर इस बार गंगा नदी का कहर पूर्णिया के सीमांचल के कई गांव में देखने को मिल रहा है.
गंगा ने अपना रुख बदलकर पूर्णिया के सीमांचल तिरुपति प्रखंड के लगभग 10 गांव को बाढ़ के कहर से प्रभावित किया है. इस गांव में लगभग 5 से 7 फीट पानी लोगों के घरों में देखने को मिल रहा है. बाढ़ से प्रभावित लोग ऊंचे मचान बनाकर शरण लिए हुए हैं.
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पिछले दिनों बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस प्रखंड से कुछ दूर टीकापट्टी गांव आए थे. लोगों ने अपनी दास्तान भी उन्हें सुनाई थी. मुख्यमंत्री के पास गुहार लगाने आए लोगों को आश्वासन मिला था की बाढ़ प्रभावित इलाकों का प्रशासनिक पदाधिकारी द्वारा दौरा कर उन्हें हर एक सुविधा मुहैया कराई जाएगी. मगर यह आश्वासन ही बनकर रहता दिख रहा है.
जमीनी हकीकत यह है कि अभी तक मुख्यमंत्री के जाने के बाद कोई भी प्रशासनिक पदाधिकारी इस गांव में पहुंचकर सुध लेने की कोशिश नहीं की. अभी तक इन गांव में किसी प्रकार की राहत सामग्री नहीं पहुंचाई गई है. बाढ़ पीड़ित लोगों के रहने व खाने की भी व्यवस्था प्रशासन की ओर से नहीं की गई है. खुले आसमान के नीचे लोग रहने के लिए मजबूर हैं जबकि इन दिनों लगातार बारिश भी हो रही है.