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तेजस्वी-तेज प्रताप सहित 6 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, लगाई गई हत्या सहित कई धाराएं

बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव सहित पार्टी के 6 नेताओं पर पूर्णिया में मामला दर्ज किया गया है. सभी नेताओं पर हत्या की साजिश का आरोप है.

तेजस्वी-तेज प्रताप
तेजस्वी-तेज प्रताप

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Published : Oct 5, 2020, 12:35 AM IST

Updated : Oct 19, 2020, 9:48 PM IST

पूर्णिया: बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव सहित पार्टी के 6 नेताओं पर पूर्णिया में FIR दर्ज किया गया है. पार्टी के पूर्व एससी- एसटी प्रकोष्ठ के सचिव शक्ति मलिक की रविवार को हत्या कर दी गई. मृतक की पत्नी की शिकायत पर आरजेडी के वरिष्ठ नेता तेजस्वी प्रसाद यादव, तेज प्रताप यादव, अनिल कुमार साधु समेत 6 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.

पूर्णिया के हॉट थाने में दर्ज FIR में कहा गया है कि शक्ति मलिक की हत्या के साजिश के पीछे बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का हाथ है. परिजनों ने बताया कि तीन अज्ञात हमलावरों ने मुर्गी फार्म रोड के पास घर में घुसकर करीब से गोली मार दी. जिसके बाद शक्ति मलिक को सदर अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.

एफआईआर की कॉपी

इन धाराओं के तहत हुआ है मामला दर्ज

IPC की धारा 324, 302, 120 (B), के साथ-साथ 27 आर्म्स एक्ट और 3 (2)(V) एससी/एसटी के तहत मामला दर्ज हुआ है.

इन धाराओं के तहत हो सकती है इतनी सजा

हत्या से पहले का ऑडियो

आईपीसी 324- मारपीट के दौरान ही अगर कोई व्यक्ति किसी को घातक हथियार से जख्मी करता है, तो ऐसी दशा में पुलिस आईपीसी की धारा-324 के तहत मामला दर्ज करती है. इस धारा के तहत अघिकतम 3 साल तक की कैद हो सकती है.

धारा 302- हत्या के आरोप के लिए इस आईपीसी 302 की धारा लगाई जाती है. हत्या का दोष साबित होने पर इस धारा के तहत आरोपी को फांसी, उम्रकैद, जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है.

धारा 120(B)-आपराधिक साजिश रचने के लिए धारा 120 बी के तहत मामला दर्ज किया जाता है. इस धारा के तहत अधिकतम छह महीने की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.

धारा 34- आपराधिक गतिविधि में एक से अधिक लोग लिप्त के साथ सभी लोगों का एक ही इरादा और आपाराधिक गतिविधि में सभी आरोपियों की भागीगदारी सामान्य रूप से होने पर घारा 34 लगाई जाती है.

27 आर्म्स एक्ट-अवैध हथियार के रखने के लिए आर्म्स एक्ट की धारा 27 लगाई जाती है. इस घारा के तहत अधिकतम 7 साल की कैद हो सकती है.

हत्या से पहले का वीडियो

धारा 3(2)(v) एससी/एसटी एक्ट-अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के खिलाफ अत्याचार रोकने के लिए इस घारा का बनाया गया था. इस घरा के तहत जुर्माने के साथ आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है.

टिकट मांगने पर हत्या करवाने का आरोप
मृतक शक्ति मलिक के परिजनों के मुताबिक शक्ति मलिक अररिया के रानीगंज से विधानसभा चुनाव लड़ने वाला था. इसलिए राजद नेताओं ने उसे रास्ते से हटा दिया. मलिक साल 2019 में राजद में शामिल हुआ था. इसके बाद पार्टी ने उसे एससी-एसटी प्रकोष्ठ का राज्य सचिव बना दिया था. कुछ दिन पहले ही शक्ति मलिक ने तेजस्वी यादव पर रानीगंज सुरक्षित सीट से टिकट देने के लिए 50 लाख रुपये मांगने का आरोप लगाया था.

'सिर्फ तेजस्वी यादव ही जिम्मेदार'
हत्या से पहले का एक ऑडियो सामने आया है. जिसमें शक्ति मलिक यह कहते सुनाई दे रहे हैं कि अगर मेरी हत्या या फिर मेरे परिवार पर किसी तरह की आंच आती है तो इसके लिए सिर्फ तेजस्वी यादव जिम्मेदार होंगे.

Last Updated : Oct 19, 2020, 9:48 PM IST

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