पूर्णिया: जिले से आई वे तस्वीरें शायद ही कभी भुलाई जा सकती है, जब गोभी की गिरती कीमतों से परेशान किसान लहलहाती गोभी की फसल पर ट्रैक्टर चला रहे थे. वहीं बिहार के पूर्णिया में एक किसान ऐसे भी थे जो, नायाब तकनीक से उपजी रंग-बिरंगी गोभी बेच कर सामान्य गोभी से दस गुना अधिक मुनाफा कमा रहे थे. नाम के अनुरूप चांदी के किसान शशिभूषण को रंगबिरंगी गोभी के लिए चांदी जैसी कीमत मिल रही है.
रंग-बिरंगी फूलगोभी की खेती
बता दें बिहार समेत देशभर के किसान जब गोभी की कीमतों को लेकर सिर पिट रहे थे. तो राजधानी पटना से करीब 400 किलोमीटर दूर स्थित पूर्णिया जिले के चांदी पंचायत के लोहियानगर गांव के किसान शशिभूषण सिंह रंग-बिरंगी फूलगोभी की खेती कर मनचाहा मुनाफा कमा रहे थे. चांदी गांव के किसान शशिभूषण बैंगनी, पीली और लाल रंग वाली आकर्षक फूलगोभी से प्रति गोभी 30 रुपये तक कमा रहे हैं. महज आकर्षण ही नहीं बल्कि स्वाद और सेहत से भरपूर इस रंग बिरंगी फूलगोभी की बाजारों में खूब डिमांड है. किलो के बजाए कलरफुल गोभी प्रति पीस 50 रुपये तक बेची जा रही है.
रंग-बिरंगी फूलगोभी की खेती पंचायत किसान सलाहकार की मदद
इस गोभी की मांग इतनी है कि किसान शशिभूषण सिंह इसे पूरा नहीं कर पा रहे हैं. खेती के नायाब प्रयोगों के लिए किसान श्री जैसे अनगिनत सम्मान जीत चुके जिले के जाने-माने किसान शशिभूषण कहते हैं कि उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक और पंचायत किसान सलाहकार की मदद से चांदी स्थित अपने खेत में पीली ,बैंगनी और लाल रंग की गोभी उपजाई.
फोन से हो रही पीली गोभी की बुकिंग "इसे महज एक प्रयोग के तौर पर लिया और रंग-बिरंगी गोभी की 1000 फसलें उपजाई. इसके लिए कृषि वैज्ञानिकों की सलह ही. सितंबर-अक्टूबर के बीच बलुई और दोमट मिट्टी पर इसकी फसल लगाई. बाजारों में बेचने पर जिस प्रकार इस गोभी को रिस्पॉन्स मिल रहा है, अगले सीजन में मैं इसे वृहद पैमाने पर करूंगा. हालांकि इसके बीज की कीमत बाजारों में सामान्य गोभी से थोड़ी अधिक है. लेकिन जिस प्रकार बाजारों में इसकी डिमांड है, प्रति पीस बेचने पर 30 रुपये तक का मुनाफा है. बाजारों में 50 रुपये तक कस्टमर इसे हाथों-हाथ खरीद रहेहैं. जिस प्रकार समय बदल रहा है, खेती के तरीकों में बदलाव की जरूरत है. नई तकनीक से खेती कर किसान मनचाहा मुनाफा कमा सकते हैं. "- शशिभूषण, किसान
पोषक तत्व हैं मौजूद
लोगों को सेहतमंद रहने के लिए हर रंग का खाना खाना चाहिए. आहार जितने रंगों से भरा होगा, इम्यून सिस्टम उतना ही ज्यादा मजबूत होगा. कलरफुल गोभी में सामान्य गोभी से अधिक पोषक तत्व मौजूद हैं. इसमें फाइटो कैल्शियम और एंटीऑक्सीडेंट भी होता है, जो बीमारी और इंफेक्शन से लड़ने में मदद करता है. इसके अलावा इसमें कैल्शियम, फॉस्फोरस मैग्नीशियम और जिंक भी होता है, जो हड्डियों को मजबूत करता है. यह दोनों गोभी गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों के लिए काफी फायदेमंद है. यही वजह है कि बाजारों में इसकी खूब डिमांड है.
बैंगनी गोभी की बढ़ी डिमांड ये भी पढ़ें:पटना में थाना के पास गोली मारकर हत्या: परिजन बोले- EXCISE वाले बेचवाते थे शराब, कुछ दिन पहले ही खरीदा था कार
देखने में यह गोभी जितना आकर्षक है, उतना ही स्वादिष्ट भी है. यह कई रोगों में असरकारक है. लिहाजा घर वाले कलरफूल गोभी ही खाना पसंद कर रहे हैं. हालांकि बाजारों में अधिक खपत होने के कारण यह उन्हें मुश्किल से मिल पा रही है. रंगीन फूलगोभी के जायके का सपना फीका न पड़ जाए. लिहाजा इसके लिए वे गोभी को कॉल कर बुक करा रहे हैं-
खरीदार ग्राहकों की डिमांड नहीं हो रही पूरी
बाजारों में इसकी खूब डिमांड होने की वजह से शशिभूषणग्राहकों की डिमांड पूरी नहीं कर पा रहे हैं. जहां सामान्य फूलगोभी 5 रुपये किलो पर भी बेचना मुश्किल हो रहा था. वहीं कलरफुल गोभी 50 रुपये तक बिकी. यह गोभी खेतों से तोड़ने के बाद सामान्य गोभी के बनिस्पत 10 दिनों तक अधिक टिकता है. जिससे सड़न का भी खतरा नहीं होता है. साथ ही ताजागी बरकरार रहती है.