पूर्णिया: पूर्णिया शहर के आलोक इंटरप्राइजेज के कलेक्शन कर्मी से हुए 18 लाख 50 हजार के कथित लूटकांड से आखिरकार पर्दा (Purnea robbery exposed) उठ गया. पुलिस ने इस कांड का खुलासा कर दिया है. इस मामले में लूट के इस मामले में तीन को गिरफ्तार कर लिया है. एक आरोपी अभी भी फरार है. इसमें हैरत की बात यह है कि लूटकांड का मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि खुद कलेक्शन कर्मी धनंजय कुमार दास (18 lakh 50 thousand robbery in Purnea) ही निकला. पुलिस को दिए इकबालिया बयान में धनंजय ने बताया है कि आखिर कैसे उसने मोटी रकम को हड़पने की लालच में न सिर्फ लूटकांड की झूठी कहानी रची बल्कि शातिर साथियों की मदद से अंजाम तक पहुंचाया.
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गठित हुई थी विशेष जांच टीम: मधुबनी टीओपी थाना में घटित 18.50 लाख के लूट की घटना का पर्दाफाश करते हुए पूर्णिया के एसपी दयाशंकर (Purnia SP Dayashankar) ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए सदर डीएसपी सुरेन्द्र कुमार सरोज के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई थी. इसमें पुअनि वरुण कुमार झा, संतोष कुमार, अंशु कुमारी, वीरेंद्र कुमार, सुनील कुमार, मधुबनी टीओपी प्रभारी पवन कुमार चौधरी, विजय कुमार, तकनीकी शाखा के कर्मी सुनील कुमार, रोहित कुमार, इंद्रजीत कुमार, रंजीत कुमार, सुबोध कुमार, सुमित एवं पप्पू कुमार जैसे पुलिस कर्मी शामिल थे.
साथियों के साथ रची थी लूट की कहानी: इस लूट कांड का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक दयाशंकर ने जो वजह बताई, उसे सुनकर हर किसी के कान खड़े हो गए. मामले की छानबीन के दौरान पुलिस टीम की शक की सुई कलेक्शन कर्मी धनंजय पर ही आकर ठहरी. गिरफ्तार आरोपी धनंजय चंद्र दास गुलाबबाग स्थित आशीष कुमार के आलोक इंटरप्राइजेज में कलेक्शन का काम करता था. वह रुपए कलेक्शन के लिए बनमनखी गया और वहां से कंपनी के 18.50 लाख रुपये कलेक्शन कर बाइक से पूर्णिया आ रहा था. घटना के दिन धनंजय चंद्र दास ने अपने मालिक को दी कि माउंटजोन स्कूल के पास पहुंचने पर बाइक सवार अपराधियों ने रुपए से भरा बैग लेकर बनभाग की तरफ भाग गए. आशीष ने इसकी जानकारी पुलिस को दी.