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पूर्णिया: बंगाली दुर्गा प्रतिमाओं के पट खुले, शंख-ढोल-नगाड़ों से गूंजा शहर - durga puja latest news

जिले में बंगाली समुदाय की परंपरा के अनुसार षष्ठी पूजा के साथ ही बांग्ला मंडपों में विराजमान मां दुर्गा के पट खुल गए हैं. जानकारों की माने तो शहर में कई जगहों पर बंगाली पद्धति में पूजा होती है.

Durga Puja

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Published : Oct 5, 2019, 10:28 AM IST

पूर्णिया: दुर्गा पूजा की भक्ति में पूरा बिहार डूब चुका है. बंगाली समुदाय की परंपरा के अनुसार षष्ठी पूजा के साथ ही बांग्ला मंडपों में विराजमान मां दुर्गा के पट खुल गए हैं. मां दुर्गा के षष्टी रूप मां कात्यायनी की पूजा करने के बाद जिले के भट्टा दुर्गाबाड़ी, रजनी चौक बाड़ीहाट दुर्गा मंदिर, गुलाबबाग मंडी, डीएसए ग्राउंड आदि जगहों पर पूजा शुरू हो चुकी है. इस दौरान बांग्ला मंडपों में ढाक के स्वर से पूरा पंडाल परिसर गूंज उठा. बताया जाता है कि बंगाल रीति रिवाज के अनुसार पूजा का विशेष विधान है.

मां दुर्गा की प्रतिमा

104 वर्षों से होती है पूजा
शहर का भट्टा दुर्गाबाड़ी पूजा पंडाल सबसे प्राचीन और प्रमुख पूजा पंडाल है. यहां 104 वर्षों से मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जा रही है. यह इलाका बंगाली पाड़ा के नाम से भी जाना जाता है. यहां मूर्तियों की कारीगरी से लेकर पंडाल की भव्य बनावट और पूजा पद्धति में बंगाली विधि विधान का समागम साफ देखा जा सकता है. लोगों का कहना है कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी भी यहां पूजा देखने आ चुके है.

पूर्णिया में धूमधाम से मनाई जा रही है दुर्गा पूजा

बंगाली विधि-विधान से होती है पूजा
बाड़ीहाट दुर्गा मंदिर के पंडाल में बंगाली विधि-विधानों और परंपराओं की छाप साफ देखी जा सकती है. षष्टी पर बंगाल के पूजा पंडालों के पट खुलने के साथ ही भक्तों की भीड़ यहां दर्शन के जुटने लगी है. बता दें कि यहां स्थापना कर्ता से लेकर पूजा पंडाल के पुजारी सभी बंगाली हैं. यहां षष्टी से लेकर दशमी तक खेली जाने वाली सिन्दूरखेला की प्रथा में बंगाल के मालदा की छाप साफ दिखाई देती है.

लाईट से सजाया गया पंडाल

सजावट है आकर्षण का केंद्र
रजनी चौक का पूजा पंडाल जिले के प्रमुख पूजा पंडालों में से एक है. यहां 3 दशक से मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जा रही है. इस पूजा पंडाल की लाइटें हर साल लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी रहती हैं. वहीं, हर साल की तरह इस बार भी नए कांसेप्ट पर पंडाल को खड़ा किया गया है. मूर्ति की भव्यता देखते ही बन रही है. यहां लगने वाले भव्य मेले में जिले भर से लाखों लोग पहुंचते है.

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