पटनाः पीएम मोदी के जन्मदिन (PM Modi Birthday) पर देशभर में चलाए गए मेगा कोरोना वैक्सीनेशन अभियान (Mega Vaccination Campaign) को लेकर अब सवाल भी उठने लगे हैं. पूर्णिया से वैक्सीनेशन का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे लेकर विपक्ष ने सरकार के आंकड़ों पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है.
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दरअसल, पूर्णिया निवासी तृप्ति राय नाम की महिला की आज से करीब एक महीने मौत हो गई थी. महिला ने बीते 8 मई को कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लगवाई थी, लेकिन 17 सिंतबर को परिजनों के रजिस्टर्ड मोबाइल महिला के दूसरे डोज के वैक्सीनेशन का मैसेज आ गया. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं.
परिजनों ने कहा कि जब महिला की मौत हो चुकी है. वह दूसरा डोज नहीं लगवा सकी लेकिन वैक्सीन का दूसरा डोज लगाने का मैसेज आया है. वहीं, इस पूरे मामले को लेकर ईटीवी भारत संवाददाता ने जिले के सिविल सर्जन एसके वर्मा से बात की. सिविल सर्जन ने कहा कि उन्हें इस बारे में किसी तरह की जानकारी नहीं है.
बता दें कि शुक्रवार को बिहार में 30 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा गया था. बिहार में पिछले सारे रिकॉर्ड को तोड़ते हुए इस दिन 30 लाख 69, 000 वैक्सीन के डोज लगाए गए. बता दें कि इससे पहले मेगा कैंप में 27 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई गई थी.
वैक्सीनेशन में लापरवाही के कई मामले बिहार मे आ चुके हैं. राजद के ट्विटर हैंडल पर एक ट्वीट किया गया जिसमें एक दावा किया जा रहा है कि बिना सेकंड डोज लिए वैक्सीनेशन पूरा करने का सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया. दरअसल, सुशीला कुमारी नाम के युवती के कोरोना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट को राजद ने साझा किया है.
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इस बारे में लिखा गया है कि 'आज अचानक रात 9 बजे मेरे मोबाइल पे मैसेज आता है कि आप अपना कोरोना वैक्सीन का सेकंड डोज़ ले लिए हैं, जबकि मैंने अभी तक सेकंड डोज़ का schedule भी नहीं किया था. यही है बिहार सरकार और भारत सरकार.'
इसके बाद से यह सवाल उठने लगे हैं कि ये तो वो मामले हैं जो उजागर हुए हैं. रिकॉर्ड आंकड़े गढ़ने के लिए न जाने इस तरह से कितनी धांधली की गई है.