पूर्णिया:कोरोना संक्रमण को लेकर जिले का परिवहन विभाग खासा सजग नजर आ रहा है. जिले में चलने वाली सभी बसों में सेनेटाइजेशन के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का अनिवार्य रूप से ख्याल रखा जा रहा है. वहीं मास्क लगाकर सफर करने वाले मुसाफिरों को ही बस में बैठने की अनुमति दी जा रही है. बीएसआरटीसी के साथ सभी प्राइवेट बसों को कोरोना से जुड़े इन नियमों का सख्ती से पालन किया जा रहा है.
किया जाता है बसों को सेनेटाइज
परिवहन विभाग से प्राप्त निर्देशों के अनुसार सेवाओं के लिए खुलने से पहले सभी बसों को डेटोल और फिनाइल से अच्छी तरह सेनेटाइज किया जा रहा है. वहीं सेवाएं पूरी कर डिपो में लगने वाली बसों को भी सेनेटाइज किया जा रहा है. इसको लेकर बीएसआरटीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक सुमन कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि लोगों को जागरूक करने को लेकर जिले में चलने वाली सभी 28 बीएसआरटीसी की बसों के बाहर और भीतरी कवर पर कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर जागरुकता संदेश दिए गए हैं.
बसों को रोजना किया जाता है सेनेटाइज किया जाता है सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया कि बसों के खुलने से पहले सभी पैसेंजर को जिला परिवहन विभाग के कर्मी कोरोना संक्रमण को लेकर जागरूक कर रहे हैं. इसमें सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का प्रयोग सबसे अहम है. 2 सीटों वाली जगह पर सिर्फ एक सीट पर ही पैसेंजर को बैठने की अनुमति है. इसे रेगुलर की बजाए ऑड-इवन सीक्वेंस में लागू किया गया है. इस हिसाब से पहले सीट पर अगर कोई पैसेंजर बैठता है तो अगली सीट खाली रहेगी. तीसरी सीट पर ही कोई पैसेंजर बैठ सकता है.
कैश को किया जाता है सेनेटाइज
उन्होंने बताया कि बिना मास्क लगाए किसी भी यात्री को बस सेवाएं लेने की अनुमति नहीं दी गई है. बिना मास्क के कई यात्री सड़कों पर मिलते हैं जिन्हें नजरअंदाज किया जाता है. वहीं कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए जल्द ही डिजिटल पेमेंट की सुविधा शुरू की जा रही है. इस वक़्त पैसे की लेनदेन से पहले बस कंडक्टर कैश को अच्छी तरह सैनेटाइज कर रहे हैं. साथ ही पेमेंट और टिकट के लेनदेन के दौरान सेनेटाइजिंग की प्रक्रिया दोहराई जाती है. ताकि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.
मास्क लगाने की अपील
वहीं बसकर्मी बताते हैं कि कोरोना संक्रमण से खुद को सुरक्षित रखने के लिए ड्राइवर से लेकर कंडक्टर तक सभी कर्मी मास्क का प्रयोग करते हैं. साथ ही वैसे पैसेंजर जो मास्क साथ लाने के बाद भी सफर के दौरान चेहरे से इसे हटा लेते हैं, उन्हें कोरोना संक्रमण के प्रति जागरूक किया जाता है. साथ ही मास्क लगाने की अपील की जाती है.