पूर्णिया:खट्टी-मीठी यादों के साथ विदा लेता साल 2020 कोरोना काल के तौर पर जाना जाएगा. साल के शुरुआत के साथ महामारी के दस्तक के बाद लोगों को स्वास्थ्य के गहरे संकट से जूझना पड़ा. हालांकि संक्रमण के इस दौर में ही पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना की साथर्कता सामने आई.
वैश्विक महामारी: 2020 में स्वस्थ जीवन का सहारा 'आयुष्मान भारत योजना'
वैश्विक महामारी कोरोना के फैलने पर मरीजों के इलाज का संकट आ गया था. कई अस्पतालों में तो ओपीडी तक बंद करनी पड़ गई थी. ऐसे समय में आयुष्मान भारत योजना के तहत लोगों को निशुल्क इलाज बिना रुकावट के जारी रहा. कोरोना काल में लाखों मरीजों का इलाज किया गया. योजना के चलते आर्थिक रूप से कमजोर और असहाय परिवार और मरीजों की बहुत मदद हुई.
7 हजार से अधिक लोगों ने गोल्डेन कार्ड का लाभ लिया
आर्थिक दिक्कतों से जूझते जिले भर के कुल 7 हजार से अधिक लोगों ने गोल्डेन कार्ड का उपयोग किया और सरकारी व निजी अस्पतालों में मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं पाई. स्वास्थ्य विभाग के एक आंकड़े के मुताबिक इनमें करीब 2600 लोग ऐसे रहे जिन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लेने के लिए राजधानी पटना या फिर दूसरे प्रदेशों का रुख किया.
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत लाभार्थी परिवार पैनल में शामिल सरकारी या निजी अस्पतालों में प्रतिवर्ष 5 लाख तक कैशलेस इलाज करवा सकते हैं. योजना का लाभ उठाने के लिए उम्र की वैधता और परिवार के आकार को लेकर कोई बंदिश नहीं है. योजना को संचालित करने वाली नेशनल हेल्थ एजेंसी ने एक वेबसाइट और हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है.
इसके अलावा लोग काफी आसानी से यह जान सकते हैं कि उनका नाम लिस्ट में शामिल है या नहीं. लिस्ट में नाम जानने के लिए mera.pmjay.gov.in वेबसाइट देख सकते हैं या हेल्पलाइन नंबर 14555 पर कॉल कर जानकारी ली जा सकती है. गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए लाभुकों को आधार कार्ड, राशन कार्ड या पीएम लेटर से कोई एक दस्तावेज लगाना अनिवार्य है.