पूर्णिया: कला और संस्कृति की उर्वरा भूमि पूर्णिया के वरिष्ठ रंगकर्मी उमेश आदित्य को रंगकर्म के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए भिखारी ठाकुर सम्मान से सम्मानित किया गया है. यह सम्मान इन्हें वर्ष 2018-19 के लिए प्रदान किया गया है. वहीं उमेश की इस असीम उपलब्धि के बाद से सीमांचल और कोसी के कलाकारों में जश्न का माहौल है.
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कई युवाओं को देते हैं उमेश
दरअसल, पिछले तीन दशकों से रंगकर्मी की भूमिका निभा चुके और कई युवाओं को नाट्य विद्या से प्रशिक्षण देने वाले उमेश आदित्य को रंगमंच का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार भिखारी ठाकुर सम्मानसे सम्मानित किया गया है. दरअसल, कोरोना के कारण पिछले दो वर्षों से सम्मान की घोषणा होने के बाद भी उन्हें सम्मान प्राप्त नहीं हुआ था. हालांकि देर से ही सही, मगर वक्त करीब आया और आखिरकार बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के हाथों तो उन्हें यह सम्मान प्राप्त हुआ.
उमेश आदित्य को मिला भिखारी ठाकुर सम्मान. संघर्ष से कामयाबी तक का सफर
हालांकि रंगकर्म के क्षेत्र में अमिट छाप छोड़ने उमेश आदित्य के लिए इतना आसान नहीं रहा. कमजोर आर्थिक स्थिति के बावजूद भी वह अपने सपनों के लिए जीते रहे. संघर्ष से भरा कांटों का सफर पूरा कर रंगकर्म के क्षेत्र का यह प्रतिष्ठित सम्मान हासिल किया. वहीं उमेश के इस असीम कामयाबी पर उनके साथी और उनका परिवार बहुत खुश है.
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सीमांचल और कोसी के कलाकारों में जश्न का माहौल
उमेश के इस सफलता पर सीमांचल और कोसी के कलाकारों में जश्न का माहौल है. उमेश की बूढ़ी मां और पत्नी कहती हैं कि घर परिवार से दूर नाटक की दुनिया में आदित्य ने सब कुछ समर्पित कर दिया. वहीं यह सम्मान मिलने के बाद परिजन अपने बेटे पर नाज कर रहे हैं. बता दें कि पहले भी पूर्णिया के लाल विश्वजीत सिंह, मिथिलेश राय को भिखारी ठाकुर सम्मान मिल चुका है.
सरकार से नाराज आदित्य
ईटीवी भारत से बातचीत में उमेश आदित्य ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से ऐसा सम्मान देकर खानापूर्ति की जा रही है. कलाकारों को लेकर सरकार का रवैया बेहद उदास करने वाला है. सरकार को कलाकारों के मान-सम्मान और आदर सत्कार का ख्याल रखना चाहिए.