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पूर्णिया: बढ़ सकती है नगर निगम की मुश्किलें, सड़क की जर्जर हालत पर अधिवक्ता करेंगे न्यायालय में अपील

न्यायालय ने 29 सितंबर को पूर्णिया नगर निगम को 2 माह के भीतर सड़क को दुरुस्त करने का फैसला सुनाया था. वहीं इसकी अवहेलना पर 50 हजार रुपये के दर से प्रति माह दंड स्वरूप प्राधिकार में राशि जमा करने का आदेश दिया था. हालांकि न्यायालय के आदेश के दो माह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद नगर निगम की तरफ से सड़क दुरुस्त करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया.

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Published : Dec 28, 2020, 2:19 PM IST

जर्जर हुई सड़कें
जर्जर हुई सड़कें

पूर्णिया: बीते दिनों ईटीवी भारत ने शहर की बदहाल पड़ी सड़कों का मुद्दा पुरजोर तरीके से उठाया था. शहरी क्षेत्रों में अभी लगातार स्थिति बदहाल है. बदहाल सड़कों में थाना चौक से आर एन शॉव को जोड़ने वाली कला भवन-समाहरणालय रोड भी शामिल है. वहीं सड़कों की बदहाली पर मौन बैठे नगर निगम की परेशानियां बढ़ने वाली है.

दरअसल सड़क की बदहाली पर चिंतित न्यायालय के पूर्व आदेश की अवहेलना को लेकर शहर के जाने-माने अधिवक्ता गौतम वर्मा जिला न्यायालय में नगर निगम अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की अपील करने वाले हैं.

नगर निगम

दो माह के भीतर दुरुस्त करनी थी सड़क
वरिष्ठ अधिवक्ता गौतम वर्मा ने बताया कि थाना चौक से आर एन शॉव चौक को जोड़ने वाली कला भवन- समाहरणालय रोड की सड़क की जर्जर स्थिति है. जिसके चलते आये दिन होने वाले हादसे होते रहते हैं. इसको लेकर परमानेंट लोक अदालत में पीएलए 35419 दाखिल किया गया था. इसकी सुनवाई करते हुए न्यायालय ने बीते 29 सितंबर को पूर्णिया नगर निगम को 2 माह के भीतर इस सड़क को दुरुस्त करने का फैसला सुनाया था. वहीं इसकी अवहेलना पर 50 हजार रुपये के दर से प्रति माह दंड स्वरूप प्राधिकार में राशि जमा करने का आदेश दिया था.

जर्जर हुई सड़कें

आदेश के बाद भी नहीं बन सकी सड़क
अधिवक्ता गौतम वर्मा ने कहा कि न्यायालय के आदेश के 60 दिन बीत जाने के बाद भी न तो नगर निगम न्यायालय के आदेश का पालन कर सका और न ही उसने इस देरी को लेकर न्यायालय में अपनी जवाबदेही तय की. जो न्यायालय के आदेश की अवहेलना है. जिसे लेकर आगामी 28 दिसंबर को न्यायालय में एक्सक्यूशन पिटीशन दाखिल करेंगे. न्यायालय के आदेश की अवमानना के लिए निगम के संबंधित अधिकारी के चेंबर और गाड़ी को सीज करने की अपील करेंगे.

देखें रिपोर्ट

निगम के खिलाफ हो कड़ी कार्रवाई
उन्होंने बताया कि संबंधित अधिकारी के खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई के लिए विभाग को आदेश जारी किया जाए इसके लिए भी वे न्यायालय से अपील करेंगे. 29 सितंबर के उस आदेश में न्यायालय ने जिलाधिकारी राहुल कुमार को इसकी मोनिटरिंग का आदेश दिया था. हालांकि इन सबके बावजूद न्यायालय के आदेश की अनदेखी ये दर्शाती है कि निगम प्रशासन अपने कर्तव्यों को लेकर किस कदर गैर जिम्मेदार है. लिहाजा इसके विरुद्ध न्यायालय में कठोर कार्रवाई के लिए अपील करेंगे.

मौन निगम प्रशासन
इस मामले को लेकर जब नगर निगम आयुक्त से संपर्क किया गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से साफ इंकार कर दिया.

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