बिहार

bihar

ETV Bharat / state

दवाई है 'सांप का जहर' लेकिन बिहार में निकालने की परमिशन नहीं, जाने क्यों जरूरी है 'स्नेक वेनम'

सांपों का रहना हमारे पर्यावरण के लिए बेहद जरूरी है. इसका जहर कई तरह की औषधियों में काम आता है. तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे कुछ राज्यों में सांपों का जहर (Snake Venom) निकालने का लाइसेंस दिया जाता है, लेकिन बिहार (Bihar) में सांपों का जहर निकालने की इजाजत नहीं है. पढ़ें ये रिपोर्ट..

पटना
पटना

By

Published : Sep 20, 2021, 6:25 PM IST

Updated : Sep 20, 2021, 8:02 PM IST

पटना:बिहार में एक युवक पिछले 5 साल से सांपों का विष (Snake Venom) निकालने की इजाजत बिहार सरकार (Bihar Government) से मांग रहा है, लेकिन अब तक बिहार का वन पर्यावरण विभाग (Forest Environment Department) इस पर निर्णय नहीं ले पाया है. सांपों के विष का इस्तेमाल कई तरह के लाइफ सेविंग ड्रग्स (Life Saving Drugs) में होता है.

ये भी पढ़ें-गंगा की धारा में फंसा था दुनिया का जहरीला सांप, ऐसे मिली नई जिंदगी और नया मुकाम

सांप, जिसका नाम सुनते ही अच्छे अच्छों के होश उड़ हो जाते हैं, सांपों को भगवान शिव का प्रिय भी माना जाता है. सांपों को लेकर समाज में अभी यह मान्यता है कि सांप अगर काट ले तो व्यक्ति की मौत हो जाती है, लेकिन लोग इस बात पर ध्यान नहीं देते कि कौन सा सांप जहरीला है और कौन सा नहीं. हम सबके लिए यह जानना जरूरी है कि सांपों का अस्तित्व हमारे पर्यावरण के लिए कितना जरूरी है.

देखें रिपोर्ट

इस बारे में बिहार का एक युवक ना सिर्फ लोगों को जागरूक कर रहा है, बल्कि जहां भी उसकी जरूरत होती है वहां वह सांप से लोगों को बचाने पहुंच जाता है. हम बात कर रहे हैं पटना के मोहित श्रीवास्तव की, जो पिछले कई सालों से इस काम में लगे हैं. यही नहीं उनके पास सांपों का विष निकालने का लाइसेंस भी है. कई राज्यों में वो इसको लेकर काम कर चुके हैं.

ये भी पढ़ें-VIDEO: 6 फीट के धामन को पूंछ पकड़कर नचाता रहा, कोबरा फन उठाकर करता रहा वार

पिछले 5 साल से बिहार में सांपों का विष निकालने के लिए सरकार से इजाजत मांग रहे हैं. उनकी सरकार से मांग है कि उन्हें सांपों का जहर निकालने और उसको दवा कंपनी को सप्लाई करने की इजाजत मिले, ताकि उसका इस्तेमाल लाइफ सेविंग ड्रग्स के रूप में हो सके. ईटीवी भारत ने मोहित श्रीवास्तव से खास बात की और सांपों के बारे में पूरी जानकारी लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की है.

सर्प विशेषज्ञ मोहित श्रीवास्तव ने बताया कि भारत में करीब 300 से ज्यादा प्रजाति के सांप पाए जाते हैं. हालांकि, उनमें से लगभग 52 प्रजाति ही जहरीली होती है, लेकिन इन 52 प्रजातियों में से सिर्फ 4 प्रजाति ही ऐसी है जिसके काटने से इंसान की मौत हो सकती है. इन चार खतरनाक सांपों को बिग-4 भी बोला जाता है. भारत में 4 खतरनाक सांप रसल वाइपर, कॉमन करैत, सॉ स्केल्ड वाइपर और कोबरा (गेहुमन) पाए जाते हैं. वहीं, बिहार में जानलेवा साबित होने वाले सांप इंडियन कोबरा, रसैल वाइपर और कॉमन करैत हैं.

ये भी पढ़ें-VIDEO: मछली की जगह जाल में फंस गया अनोखा सांप, ग्रामीण भी देखकर रह गए दंग

मोहित श्रीवास्तव ने बताया कि भारत में लगभग 50 हजार लोग हर साल स्नेक बाइट के कारण मौत के शिकार होते हैं, लेकिन इनमें से 80% की मृत्यु भय और दहशत के कारण जानकारी के अभाव में हो जाती है. जानकारी के अभाव में बड़ी संख्या में लोग सांपों को हर साल मार देते हैं. लेकिन, सांपों का रहना हमारे लिए बहुत जरूरी है, क्योंकि चूहों की आबादी को नियंत्रित करने में सबसे बड़ा योगदान सांपों का होता है. अगर सांप नहीं रहे तो हमारे लिए भविष्य में अनाज की किल्लत हो जाएगी, क्योंकि चूहे अनाज को बर्बाद कर देते हैं.

''बिहार सरकार को मैंने साल 2016 में आवेदन दिया था. मेरा आवेदन का विषय राज्य के पर्यावरण हित में है. मैं सांपों का विष निकालने की इजाजत सरकार से मांग रहा हूं क्योंकि बिहार में यह सुविधा अब तक नहीं है. तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे कुछ राज्यों में सांप का विष निकालने का लाइसेंस दिया जाता है और सांप के जहर का इस्तेमाल कई लाइफ सेविंग ड्रग्स में होता है. सांप के विष से बनी दवा अत्यधिक रक्त स्राव, पैरालिसिस अटैक, कैंसर से हमारी जान बचाती है, ये सभी लाइफ सेविंग ड्रग्स की श्रेणी में आते हैं.''-मोहित श्रीवास्तव, सर्प विशेषज्ञ

मोहित ने बताया कि 1999 से ही वो सांप को बचाने और सांपों के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में अभी तक सांपों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए कोई सार्थक कार्रवाई नहीं हुई है. हर साल हजारों की संख्या में विभिन्न प्रकार के सांप मारे जा रहे हैं और सर्पदंश से सैकड़ों लोगों की जान भी चली जाती है.

उन्होंने बताया कि सांप की सुरक्षा और संरक्षण के साथ-साथ इनके विष से जीवन रक्षक दवा के माध्यम से लोगों की जान बचाने और सांपों के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से मैंने बिहार में एक केंद्र स्थापित करने के लिए वन विभाग में आवेदन दिया है. वन विभाग के मंत्री नीरज कुमार सिंह ने उनके आवेदन को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है और मुझे उम्मीद है कि जल्द ही सरकार की तरफ से उन्हें अच्छी खबर मिल सकती है.

Last Updated : Sep 20, 2021, 8:02 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details