पटना:बिहार के पटना जिले केफतुहा में'पकड़ौआ' विवाह की नीयत से अपहरण का मामला सामने आया है. जानकारी के अनुसार, फतुहा थाना क्षेत्र के भिखुआ फोरलेन के पास से शादी (Marriage) की नीयत से अगवा एक युवक को मंगलवार की रात पुलिस ने बरामद कर लिया है. इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार कर पुलिस मामले की जांच कर रही है.
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तीन लोगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
फतुहा डीएसपी राजेश मांझी ने बताया कि सोमवार की रात बोलोरो सवार बदमाशों ने एक युवक को अगवा कर लिया था. जिसे बरामद कर लिया गया है. शिवचक निवासी सुधीर यादव ने फतुहा थाना में अपने बेटे शशि कुमार की अगवा का मामला दर्ज करवाया था. उन्होंने बताया कि शशि अपने बुआ के घर शैलेश कुमार के साथ बाइक से जा रहा था, तभी रास्ते में बदमाशों ने उसे अगवा कर लिया. थाने में मामला दर्ज होते ही पुलिस हरकत में आयी और सीसीटीवी के माध्यम से तीन बदमाशों को मंगलवार की रात पकड़ लिया.
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क्या है पूरा मामला
बताया जा रहा है कि बीते सोमवार की देर रात फतुहा थाना क्षेत्र के शिवचक गांव निवासी सुधीर कुमार का 19 साल का पुत्र शशि कुमार अपने चचेरे भाई शैलेश कुमार के साथ बाइक से अपनी बुआ के घर देवरसौकी जा रहा था. इसी दौरान भिखुआ स्थित फोरलेन पर बोलेरो सवार बदमाशों ने उसका अपहरण कर लिया. बोलेरो सवार बदमाशों द्वारा शशि को जबरन उठाए जाने के बाद शैलेश ने तत्काल पूरे मामले से शशि के परिजनों और पुलिस को अवगत कराया. शशि के अपहरण की सूचना मिलते ही शशि के परिजन तत्काल थाने पहुंचे और पुलिस से त्वरित कार्रवाई की मांग की.
मामला संज्ञान में आते ही पुलिस ने शशि के परिजनों से मिले कुछ इनपुट के आधार पर सघन छापेमारी अभियान चलाया और नालंदा जिले के हिलसा स्थित एक मंदिर में छापेमारी कर शशि को सकुशल बरामद कर लिया.
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क्या होता है 'पकड़ौआ' विवाह
कहते हैं कि शादी ऐसा लड्डू है जो खाए वो पछताए जो ना खाए वो भी पछताए. लेकिन उस स्थिति को क्या कहेंगे जहां ये आपको जबरन दबंगई के दम पर खिलाया जाए और वो भी आपकी मर्जी के विरूद्ध खिलाया जाए. ऐसी ही शादी को 'पकड़ौआ' या पकड़उवा विवाह कहते हैं जो बिहार के कुछ जिलों में बेहद पॉपुलर हैं और ये पिछले काफी समय से चला आ रहा है. हालांकि समय बदलने के साथ इस प्रथा पर काफी रोक भी लगी है लेकिन अभी भी ये जारी है.
बताते हैं कि करीब 1980 के के दशक में बिहार के कुछ खास जिलों जिसमें बेगूसराय, लखीसराय, मुंगेर, मोकामा, जहानाबाद, गया आदि के नाम प्रमुखता से लिए जाते हैं. वहां पर इसका ज्यादा ही जोर था. वहां कई ऐसे गिरोह भी थे जो इसी काम में लिप्त थे और वहां के लोग इनसे खासा खौफ खाते थे.