पटना:बिहार में हर बार बाढ़ (Flood in Bihar)आती है. नदियां हर साल तबाही लातीं है. उत्तर बिहार की पहाड़ी नदियां नेपाल(Nepal) के पानी छोड़े जाने से उफान मारने लगती हैं. पूरा इलाका पानी पानी हो जाता है. तो वहीं गंगा बहाव क्षेत्र बक्सर से लेकर भागलपुर तक का इलाका गंगा के रौद्र रूप से बाढ़ग्रस्त हो जाता है. इस मसले पर लगातार फरक्का डैम (Farakka Dam)पर सवाल उठाए जाते रहे हैं. कभी सिल्ट की सफाई को लेकर तो कभी उसकी डिजाइन को लेकर. एक बार फिर जल संसाधन मंत्री ने फरक्का डैम की डिजाइन पर सवाल खड़े किए हैं. जल संसाधन मंत्री संजय झा के मुताबिक बिहार में गंगा की बाढ़ की असल वजह फरक्का डैम की डिजाइन है.
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'बिहार के इंटरेस्ट को कॉम्प्रमाइज करके फरक्का बांध बनाया गया. इससका खामियाजा ये हुआ है कि आज बिहार के भागलपुर से लेकर बक्सर तक का इलाका गंगा की बाढ़ की चपेट में है'- संजय झा, जल संसाधन मंत्री, बिहार सरकार
संजय झा ने बताया कि फरक्का डैम की डिजाइन 27 लाख क्यूसेक पानी निकासी के लिए बनी है. जबकि पटना में ही 32 लाख क्यूसेक पानी गंगा में बह रहा है. पटना के आगे गंडक, कोसी समेत तमाम नदियां गंगा में मिलतीं हैं. ऊपर से फरक्का डैम के 9 गेट हमेशा मेंटिनेंस के नाम पर बंद रहते हैं. ऐसे में हर समय 15 लाख क्यूसेक पानी ही फरक्का डैम से निकल पाता है. इसका खामियाजा ये होता है कि बक्सर से लेकर भागलपुर तक का इलाका गंगा की बाढ़ से त्रस्त रहता है. फरक्का डैम का निर्माण बिहार के इंटरेस्ट को कॉम्प्रमाइज करके बनाया गया है. जल संसाधन मंत्री के मुताबिक वो फरक्का बांध कोे तोड़ने की बात नहीं करते हैं. लेकिन टूट जाए तो बिहार का उसमें फायदा देखते हैं.