पटना:साल 2021 पटना हाईकोर्ट के लिए भी काफी चुनौतीपूर्ण रहा.राज्य में करोना महामारी का पटना हाईकोर्ट के अदालती कामकाज पर व्यापक प्रभाव पड़ा. करोना महामारी के कारण 2020 में काफी समय तक हाईकोर्ट की ऑनलाइन सुनवाई हुई. क्रिसमस अवकाश के बाद बहुत सारी पाबन्दियों के साथ 4 जनवरी 2021 से फिजिकल कोर्ट शुरू हुआ. हालांकि 2021 में पटना हाईकोर्ट (Big Decisions Of Patna High Court In 2021) ने कई बड़े फैसले लिए जो सुर्खियों में छाया रहा.
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हाईकोर्ट ने राज्य में करोना महामारी की भयावाह हालत को देखते हुए स्वतः संज्ञान (Patna High Court On Corona) लिया. कोर्ट ने इस मामले पर काफी लम्बी सुनवाई करते हुए केंद्र व राज्य सरकार से इसके रोकथाम व स्वास्थ्य सेवा के सम्बन्ध में पूरा ब्यौरा मांगा. जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह की खंडपीठ ने राज्य की स्वास्थ्य सेवा की बदहाली को देखते हुए सरकार को चेतावनी दी कि, अगर हालात नहीं सुधरे, तो इसे सेना को संभालने का जिम्मा सौंप दिया जाएगा.
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बाद में चीफ जस्टिस संजय करोल की डिवीजन बेंच ने इस मामले पर मॉनिटरिंग करनी शुरू की. केंद्र व राज्य सरकार को कोविड मरीजों के बेड, दवा,ऑक्सीजन सिलिंडर के साथ डॉक्टरों, नर्सों व अन्य कर्माचारियों की उपलब्धता के बारे में लगातार मॉनिटरिंग की जाती रही है.
2021 में पटना हाईकोर्ट के बड़े फैसले: मोकामा के विधायक अनंत सिंह के एके 47 व विस्फोटक बरामद होने के मामले में दायर जमानत याचिका को पटना हाईकोर्ट में रद्द कर दिया. जस्टिस अंजनी कुमार शरण ने इस जमानत याचिका पर सभी पक्षों को सुनने के बाद यह आदेश दिया. इस समय वे जेल में थे.
राज्य के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी व खान व भूतत्व मंत्री जनक राम के राज्यपाल कोटा से विधान पार्षद मनोनीत करने के विरुद्ध याचिका दायर किया गया. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए मामले को आगे की सुनवाई के लिए स्वीकृत कर लिया.
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राज्य में राष्ट्रीय राजमार्ग के बदहाल स्थिति पर कोर्ट ने काफी सख्त रुख अपनाया. चीफ जस्टिस संजय करोल की डिवीजन बेंच ने सुनवाई की. हाईकोर्ट ने राज्य के सभी सम्बंधित जिलाधिकारियों को भूमि अधिग्रहण का कार्य समय सीमा के अंदर पूरा करने का निर्देश दिया, ताकि राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण और विकास का कार्य राज्य में शीघ्रता से पूरा हो सके.