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बिहार के विभूतियों के लिए काफी अच्छा रहा 'साल 2023', पद्मश्री और अन्य अवार्ड से हुए सम्मानित - year ender 2023

साल 2023 समाप्त होने वाला है. नए साल का लोगों को बेसब्री से इंतजार है. नये साल में लोग कुछ अच्छा करने की संकल्प लेते हैं. यहां हम आपको बिहार की उन विभूतियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया है. ताकि आपको कुछ अच्छा संकल्प लेने में सहूलियत हो. आइये, जानते हैं कि साल 2023 में बिहार के किन-किन विभूतियों को किस सम्मानों से नवाजा गया है

साल 2023
साल 2023

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 30, 2023, 6:04 AM IST

बिहार के विभूतियों को सम्मानित किया गया.

पटना:साल 2023 बीतने वाला है. बिहार के कई विभूतियों ने शिक्षा, कला और चिकित्सा के क्षेत्र सूबे का मान बढ़ाया. शिक्षा के क्षेत्र में चिकित्सा के क्षेत्र में गायन के क्षेत्र में नाटक के क्षेत्र में पहचान बनाई. बिहार के इन विभूतियों ने राष्ट्रपति और बिहार के राज्यपाल के हाथों सम्मानित किया गया.

आनंद कुमार पर बनी है फिल्मः अप्रैल में शिक्षाविद सुपर थर्टी के संस्थापक आनंद कुमार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्मश्री से सम्मानित किया. आनंद कुमार, शिक्षा जगत में एक मिसाल के रूप में जाने जाते हैं. इन पर हिंदी फीचर फिल्म 'सुपर 30' बन चुकी है. फिल्म अभिनेता ऋतिक रोशन ने मुख्य भूमिका निभायी थी. पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित होने पर आनंद कुमार ने बिहार का मान सम्मान बढ़ाया.

आनंद का स्वागत करते लोग. (फाइल फोटो)


कपिल देव प्रसाद कपड़ा कला के लिए जाने जाते हैं: बिहार की सुभद्रा देवी को भी पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया. कला के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई. कला के बदौलत देश-विदेश में नाम कमाया. इसी का परिणाम रहा कि उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया. नालंदा जिला के कपिल देव प्रसाद को कपड़ा कला के लिए जाना जाता है. कपड़ा क्षेत्र में एक अलग पहचान बनाकर बिहार का मान सम्मान बढ़ाया. कपिल देव प्रसाद 15 साल की उम्र से बुनकर का काम कर रहे हैं. 52 बूटी साड़ी निर्माण के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया.

कपिल देव प्रसाद. (फाइल फोटो)
दो शिक्षक राष्ट्रपति पदक से सम्मानितः 5 सितंबर शिक्षक दिवस के मौके पर बिहार के दो शिक्षकों को राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया. सीतामढ़ी के मध्य विद्यालय के शिक्षक द्विजेंद्र कुमार और किशनगंज के मध्य विद्यालय की गुड्डी कुमारी को राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित किया गया. फरवरी में बिहार की छह विभूतियों को संगीत नाटक अकादमी के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया.


रंजना झा को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कारः बिहार सहरसा की रहने वाली स्वर कोकिला के रूप में चर्चित गायिका रंजना झा को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उन्होंने अपनी आवाज की जादू बिहार सहित देश के लोगों को पर भी बिखेर चुकी हैं. इनकी पहचान लोक गायिका के रूप में है. सिवान जिला के रहने वाले ऋषिकेश सुलभ ने रंगकर्मी के रूप में अपनी पहचान बनाई है. फरवरी में ऋषिकेश को संगीत नाटक अकादमी राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया.

मिथिलेश राय को संगीत अकादमी पुरस्कारः पूर्णिया जिला के वरिष्ठ रंगकर्मी मिथिलेश राय को संगीत अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया. मिथिलेश राय नाट्य निदेशक के रूप में जाने जाते हैं. पिछले कई सालों से बिहार-झारखंड के जिलों में कैदियों की जीवन शैली में सुधार के लिए नुक्कड़ नाटक करते हैं. अभिनेता नीलेश मिश्रा को भी संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. ठुमरी गायिका कुमुद झा ने अपनी अलग पहचान बनाई है. संगीत नाटक अकादमी राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

बासुकीनाथ झा को साहित्य अकादमी अवार्डः साल 2023 के अंतिम समय में समस्तीपुर जिला के रहने वाले बासुकीनाथ झा को साहित्य अकादमी अवार्ड से सम्मानित करने के लिए निर्णय लिया गया. मैथिली साहित्य में पहली बार बिहार को यह अवार्ड मिला है. बिहार के लिए और मिथिलावासियों के लिए बड़ा ही गर्व का क्षण रहा. बासुकीनाथ झा को मैथिली साहित्य के प्रमुख नाम के रूप में जाना जाता है.



17 विभूतियां को बिहार केसरी: संगीत के शिक्षक पंडित प्रेम कुमार मलिक को संगीत नाटक अकादमी राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया. वो दरभंगा जिला के रहने वाले हैं. देश-विदेश में गायन का डंका बजा चुके हैं. 22 अक्टूबर बिहार के शिक्षा और चिकित्सा क्षेत्र के लिए बड़ा दिन रहा. बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्री कृष्णा जयंती पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने 17 विभूतियां को बिहार केसरी सम्मान से नवाजा.

शारदा सिन्हा. (फाइल फोटो)
शारदा सिन्हा को बिहार केसरी सम्मानः पद्म भूषण शारदा सिन्हा स्वर कोकला के नाम से अपनी पहचान बना चुकी है. शारदा सिन्हा को बिहार केसरी सम्मान से राज्यपाल ने सम्मानित किया. पद्मश्री शांति राय शांति राय ने कई मां को नई जिंदगी दी. शांति राय को भी बिहार केसरी के सम्मान से नवाजा गया. पद्मश्री सुधा वर्गीज जो साइकिल दीदी के नाम से जानी जाती है. समाज के उत्थान के लिए बहुत बड़ा योगदान है. झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चियों के लिए एक मिसाल बनी. सुधा वर्गीज को भी बिहार केसरी सम्मान दिया गया.
खान सर को सम्मानित किया गया. (फाइल फोटो)
'खान सर' एक ऐसा नाम है जिन्हें शिक्षा जगत में सम्मान के साथ लिया जाता है. पढ़ाने का स्टाइल भी अलग है. कई रिएलिटी शो में भी बुलाया जा चुका है. खान सर को भी बिहार केसरी सम्मान से सम्मानित किया गया. बिहार केसरी सम्मान से सम्मानित होने वालों में अजय कुमार, डॉक्टर सत्यजीत सिंह, केपीएस केसरी, डॉक्टर सहजानंद सिंह, विपिन सिंह, डॉक्टर अर्जुन सिंह, डॉक्टर विमल कारक, डॉक्टर अमूल्य सिंह, ओपी अग्रवाल, डॉक्टर एस एन सिंह, एन अग्रवाल तथा डॉक्टर गुरुदेव शामिल हैं.इसे भी पढ़ेंः Padma Awards 2023 : नालंदा के कपिल देव प्रसाद को पद्मश्री, सूबे का बढ़ाया मान

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