पटनाः बिहार के औरंगाबाद की बिन ब्याही मां की कहानी (Unmarried mother of aurangabad) ने झकझोर कर रख दिया. प्रेमी से धोखा खाने के बाद गर्भवती प्रेमिका ने बच्चे को जन्म दिया. एक ओर लड़की का हौसला तो दूसरी ओर उसकी प्रेमी की क्रूरता की चर्चा है. जाने माने लेखकर प्रभात बांधुल्य ने इसपर दर्दनाक कविता लिखी है. जिसमें उन्होंने लड़की का हौसला के साथ साथ उसके दर्द को बयां किया. प्रभात ने कहा कि 'प्रेम का मतलब सिर्फ देह का भोग ही नहीं है, एक दूसरे के प्रति समर्पण और एक दूसरे की चिंता, एक दूसरे की खुशी से खुश होना एक दूसरे के दुख से दुखी होना, हर सुख दुख में एक दूसरे का साथ निभाना ही प्रेम है'.
Unmarried Mother: 'जो कुछ भी हुआ अब वह अपराध नहीं'... बिन ब्याही मां पर दर्दनाक कविता सुन आ जाएंगे आंसू
Prabhat Bandhulya ने औरंगाबाद की बिन ब्याही मां पर दर्दनाक कविता लिखी है. जिसमें उसने लड़की के दर्द और हौसलों का वर्णन किया है. कहा कि एक कुंती थी जिसने कर्ण को नदी में बहा दिया था और आज एक तुम हो जिसने इतना बड़ा फैसला ले लिया. पढ़ें पूरी खबर...
छोटी उम्र बड़ा फैसलाः लेखक प्रभात बांधुल्य ने लिखी गई कविता (Prabhat Bandhulya Poem) का वीडियो भी जारी किया है, जिसमें उन्होंने लड़की को ऐसे रिश्तों से बचने के लिए कहा है. उन्होंने कविता के माध्यम से कहा कि 'तुमने ने जो किया वह अपराध नहीं है, तुमने तो दिया साथ उसे, जो साथ नहीं है'. प्रभात ने बताया कि यह खबर मेरे मन मस्तिष्क को पूरी तरह झकझोर दिया. लड़की के साहसिक निर्णय से आश्चर्यचकित हूं, जिसने छोटी उम्र के बावजूद इतना बड़ा फैसला ले लिया.
बेहद दिलेरी भरा निर्णयःलड़की का यह वाकई एक साहस भरा निर्णय है. नौवीं क्लास की लड़की जब गर्भवती होती है और प्रेमी से शादी के लिए कहने जाती है तो प्रेमी धोखा दे देता है. प्रेमी ने भले ही धोखा दे दिया लेकिन लड़की ने प्रेम का सम्मान रखा और गर्भ में पल रहे बच्चे को जन्म दिया. उन्होंने कहा कि किसी जमाने में कुंती ने कर्ण को नदी में बहा दिया था और आज यह लड़की अपने बच्चे को अपना रही है. वास्तव में यह बेहद दिलेरी भरा निर्णय है.
"यह हमारा गृह जिला औरंगाबाद की घटना है. पिछले दो-तीन दिन पहले खबर आई थी कि एक लड़की 9वीं क्लास की छात्रा है. पिछले एक साल से एक लड़का के प्रेम में थी. दोनों में नजदीकियां बढ़ती है. लड़की गर्भवती हो गई. इसके बाद वह लड़का उसे छोड़कर चला जाचा है. लेकिन लड़की अपना गर्भपात नहीं कराकर बच्चे को अपनाने का फैसला लिया, जो काफी हौसला वाला काम है."- प्रभात बांधुल्य, लेखक