बिहार

bihar

ETV Bharat / state

Sawan 2023: श्रावण मास की दूसरी सोमवारी आज, इस दिन शिव की आराधना से मनोकामना होती है पूरी - Patna News

सावन का पवित्र महीना चल रहा है ऐसे में आज दूसरे सोमवार की दिन मंदिरों में भक्तों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई है. मान्यता है कि आज के दिन भोलेनाथ की पूजा अर्चना करने से वो काफी प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामना पूरी करते हैं. आगे पढ़ें पूरी खबर...

सावन का दूसरा सोमवार
सावन का दूसरा सोमवार

By

Published : Jul 17, 2023, 7:45 AM IST

Updated : Jul 17, 2023, 10:18 AM IST

सावन का दूसरा सोमवार

पटना:सावन मास का आज दूसरा सोमवार है और इस दिन शिव जी की आराधना का विशेष महत्व है. आचार्य पंडित भूप नारायण पाठक की माने तो प्रथम सोमवारी से भी अधिक महत्व दूसरी सोमवारी का होता है. यह मध्यम सोमवारी है और भूत भावन शिवजी मनोकामना की पूर्ति करते हैं. आचार्य पंडित भूप नारायण पाठक ने बताया कि भगवान शिवजी भोले हैं और बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं. प्रसन्न होने पर मनचाही मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं. भोलेनाथ आशुतोष है और वह जलाभिषेक से अधिक प्रसन्न होते हैं. इसके अलावा भगवान शिव को फूल पत्ती अधिक पसंद है इसलिए उन्हें फलाहारी देवता भी कहा जाता है.

पढ़ें-Sawan 2023: महादेव की ऐसी कृपा हुई तो हाथ के बल 'बिच्छू बम' बनकर युवक बाबा धाम रवाना, VIDEO वायरल

2 महीने का होगा सावन: आचार्य पंडित भूप नारायण पाठक ने कहा कि इस बार का जो श्रावण मास है अति विशिष्ट है. इस बार सावन दो महीने की हैं. भगवान ब्रह्मा ने प्रहलाद की रक्षा के लिए 2 मास बनाया था और दोमास भगवान विष्णु का मास कहा जाता है. इस बार का श्रावण अति विशिष्ट इसलिए है क्योंकि इस बार भोले बाबा बहुत प्रसन्न है. भगवान शिव अपने साथ-साथ विष्णु जी को भी लेकर के आए हैं. इस बार के श्रावण में पुरुषोत्तम मास का योग बना रहा है. उन्होंने बताया कि इस बार के सावन के समय हरिहर क्षेत्र का दर्शन बैकुंठ धाम का फल देता है.

"इस बार के सावन में लोग यदि भगवान शिव के साथ-साथ विष्णु की भी आराधना करें तो चौगुने फल की प्राप्ति होगी. हरिहर क्षेत्र में जो शिवलिंग है उसकी स्थापना स्वयं ब्रह्मा ने की है इसलिए इस बार के श्रावण मास में हरिहर क्षेत्र का दर्शन और पूजा अर्चना विशिष्ट लाभ देता है. जब भगवान शिव और विष्णु दोनों प्रसन्न हो तो भक्तों पर असीम कृपा बरसती है."-भूप नारायण पाठक, आचार्य पंडित

कैसे करें पूजा?:आचार्य पंडित भूप नारायण पाठक ने बताया कि सोमवारी की पूजा का विधान है कि शिव का जलाभिषेक करने से पहले जल में थोड़ा गंगाजल मिला ले. उसमें फूल बेलपत्र डालकर शिवलिंग पर चढ़ाएं. जल वाले लोटा में भांग, धतूरा, तुलसी की मंजरी फूल इत्यादि लेकर शिवजी पर चढ़ाए और नैवेद्य का भोग लगाएं.

सोलह सोमवार से कैसे अलग?: श्रावण मास के सोमवारी और सोलह सोमवारी में बहुत अंतर है क्योंकि श्रावण मास में सोमवारी फलाहार के साथ किया जाता है. श्रावण मास के सोमवारी करने का विधान है कि सुबह-सुबह नित्य क्रिया से निवृत्त होकर स्नान ध्यान करने के बाद सच्चे मन से शिवलिंग पर जलाभिषेक करें और फूल बेलपत्र धतूरा नैवेद्य का शिव को भोग लगाएं. पूजा अर्चना करने के बाद घर पहुंच कर फलाहार करें.

Last Updated : Jul 17, 2023, 10:18 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details