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गणपति की पूजा से दूर होता है वास्तु दोष, इन उपायों से मिलेगी सुख, समृद्धि और शांति

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Published : May 29, 2019, 10:42 AM IST

Updated : May 29, 2019, 11:28 AM IST

'ॐ गं गणपतये नमो नम:, श्री सिद्धि विनायक नमो नम:, अष्टविनायक नमो नम:, गणपति बप्पा मोरिया' बुधवार को विघ्नहर्ता गणपति महाराज की पूजा होती है. इसके अलावा श्री गणेश की पूजा वास्तु दोष दूर करने के लिए भी की जाती है.

worship of lord ganesha for vastu dosh nivaran

पटना: विघ्नहर्ता गणपति बप्पा की पूजा का सर्वोत्तम दिन बुधवार माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन बप्पा की पूजा करने मात्र से सभी दुखों का निवारण होता है. वहीं, बप्पा की पूजा घर के वास्तु दोष को दूर करने के लिए भी की जाती है. पूजा के साथ-साथ हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताएंगे जिससे आपके घर की दरिद्रता पूरी तरह दूर हो जाएगी.

कहा जाता है कि वास्तु शास्त्र के नियमों की रचना ब्रम्हा जी ने की थी. गणपति महाराज को बुद्धि का दाता माना गया है. इसके चलते ऐसा कहा जाता है कि मानव जीवन के कल्याण का पूरा जिम्मा इन्होंने ही उठाया हुआ है. गणपति की पूजा के दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही घर-परिवार में हमेशा दरिद्रता को बढ़ावा देती है, जिसका मुख्य कारण वास्तुदोष भी होता है.

गणपति बप्पा मोरिया

श्री गणेश के बिना नहीं खुश होंगे वास्तु देवता
वास्तु दोष को कारण परिवार में कई विघ्न आ जाते हैं. इनमें शारीरिक, मानसिक और आर्थिक हानि शामिल है. गणपति महाराज की पूजा मात्र से वास्तु दोषों पर लाभकारी होता है. लेकिन श्री गणेश की पूजा अर्चना के बिना वास्तु देवता को संतुष्ट नहीं किया जा सकता.

करें ये उपाय...

  • घर के मुख्य द्वार पर गणेश जी की प्रतिमा या चित्र जरूर लगाएं.
  • याद रहे घर के मुख्य द्वार पर एक तरफ एकदंत की प्रतिमा लगाएं. हो सके तो दूसरी तरफ ठीक उसी जगह गणेश जी की प्रतिमा लगाएं. प्रतिमाएं इस तरह लगाएं कि दोनों की पीठ मिलती रहे.
  • घर में सर्वमंगल की कामना करते हुए सिंदूरी रंग के गणपति की आराधना करनी चाहिए.
  • श्री गणेश की ऐसी मूर्ति या चित्र लगाएं, जिसमें उनकी सूंड उनके बाएं हाथ की तरफ घुमी हुई हो.
    गणपति बप्पा मोरिया
  • घर के ब्रह्म स्थान यानी की घर के बीच में ईशान कोण और पूर्व दिशा में विघ्नहर्ता की प्रतिमा लगाने से सभी दुख दूर होते हैं.
  • घर या कार्य स्थल पर वक्रतुंड की प्रतिमा या चित्र लगाएं. लेकिन इसे लगाते समय ये याद रहे कि वक्रतुंड का मुख दक्षिण दिशा या नैऋत्य कोण में ना हो. ऐसी स्थिति में विपरीत प्रभाव देखने को मिलता है.
  • घर में बैठे हुए गणपति और कार्यस्थल में खड़े हुए गणपति की मूर्ति या चित्र लगाएं. लेकिन याद रहे गणेश जी के दोनों पैर जमीन का स्पर्श करते हुए हों. इससे कार्य में स्थिरता और आमदनी तेज होती है.
Last Updated : May 29, 2019, 11:28 AM IST

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