गैंडा कंजर्वेशन के लिए पटना जू प्रसिद्ध. पटना: आज 22 सितंबर को वर्ल्ड राइनो डे है. गैंडा के संरक्षण को बढ़ावा देने और इसके प्रजातियों के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से यह दिवस मनाया जाता है. पहली बार साल 2010 में विश्व गैंडा दिवस मनाया गया था. गैंडा दिवस के मौके पर पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान में एक नर और एक मादा गैंडा का वन एवं पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव ने लोकार्पण किया.
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"दो गैंडा को जू में लाया गया है. उसका नामकरण भी किया गया है. यहां कुल 14 गैंडा हो गए हैं. गैंडा कंजर्वेशन में पटना जू दुनिया भर में फेमस है. भारत के लोगों से अपील करना चाहेंगे कि वे पटना जू का भ्रमण करें और यहां के गैंडा कंजर्वेशन के साथ-साथ अन्य चीजों की भी जानकारी प्राप्त करें."- तेज प्रताप यादव, मंत्री, वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग
गैंडा कंजर्वेशन के लिए प्रसिद्धः दोनों गैंडा का नामांकरण किया गया. नर गैंडा का नाम प्रिंस रखा गया और मादा गैंडा का नाम सीमा रखा गया. प्रिंस को बीते दिनों बेतिया से रेस्क्यू करके लाया गया था जबकि सीमा को एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत जिराफ देकर काजीरंगा नेशनल पार्क, असम से लाया गया है. बताते चलें कि पटना जू यानी की संजय गांधी जैविक उद्यान गैंडा कंजर्वेशन के लिए प्रसिद्ध है.
गैंडा के लिए अनुकूल है माहौलः बिहार के वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की सचिव वंदना प्रेयसी ने बताया कि पटना जू की पहचान भारत ही नहीं पूरे दुनिया भर में गैंडा की वजह से है. गैंडा संरक्षण और प्रजनन में पटना जू भारत में पहले स्थान पर और विश्व में दूसरे स्थान पर है. नंबर एक पर अमेरिका का सैनडियागो जू है. उन्होंने बताया कि यहां का माहौल गैंडा के लिए काफी अनुकूल है इसलिए यहां प्रजनन दर भी अच्छा है और मोर्टालिटी रेट भी काम है. एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम में भी पटना जू से सबसे अधिक गैंडा को एक्सचेंज किया जाता है.
हड़ताली नाम की गैंडा ने 10 बच्चों को जन्म दियाः सेंट्रल जू अथॉरिटी के मुताबिक गैंडा कंजर्वेशन को लेकर जो कंजर्वेशन ब्रीडिंग प्रोग्राम चलाया जाता है, उसमें पटना जू सबसे स्पेशल सेंटर है. यह इसलिए क्योंकि सबसे अधिक गैंडा की ब्रीडिंग पटना जू में होती है. बताते चलें कि पटना जू में 1979 में असम से पहली बार दो गैंडा लाया गया था. 1988 में पहली बार एक गैंडा ने जन्म लिया था. पटना जू में गैंडा कंजर्वेशन एंड ब्रीडिंग सेंटर 3.5 एकड़ में फैला हुआ है. यहां एक हड़ताली नाम की मादा गैंडा है जिसने अब तक 10 बच्चों को जन्म दिया है.