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विश्व स्तनपान दिवस: शिशु मृत्यु दर में कमी और कुपोषण को लेकर जागरुकता कार्यक्रम

विश्व स्तनपान दिवस को लेकर बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति ने कई निर्णय लिए हैं. सभी सदर अस्पताल, सामाजिक संगठन, आशा एएनएम एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया गया है. स्तनपान के प्रति जागरुकता एवं प्रचार-प्रसार करने का दिशा निर्देश जारी किया गया है.

विश्व स्तनपान दिवस

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Published : Aug 1, 2019, 11:34 AM IST

पटना: आज से विश्व स्तनपान दिवस की शुरूआत हुई है. इसको लेकर राजधानी पटना में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. कार्यक्रम में समेकित बाल विकास सेवाएं निदेशालय का भी सहयोग लिया जाएगा. प्रखंड स्तर पर भी कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा.

विश्व स्तनपान दिवस को लेकर बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति ने कई निर्णय लिए हैं. जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन कर सभी सदर अस्पताल एवं प्रथम रेफरल इकाई को दूध की बोतल मुक्त परिसर घोषित किए जाने का निर्णय लिया गया है. सभी कार्यालयों में स्तनपान कक्ष का निर्माण कराया जाएगा. सभी गांव में महिलाओं के बीच जागरुकता फैलाने को लेकर ग्राम स्तरीय बैठक का आयोजन किया जाएगा.

विश्व स्तनपान सप्ताह दिवस
प्रत्येक साल 1 अगस्त से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसका उद्देश्य महिलाओं को स्तनपान एवं कार्य को दृढ़तापूर्वक एक साथ करने का समर्थन देता है. कामकाजी महिलाओं को उनके स्तनपान संबंधी अधिकार के प्रति जागरुकता प्रदान करना इस कार्यक्रम का मकसद है. बच्चों के सर्वागीण विकास, नवजात शिशु मृत्यु दर में कमी लाने एवं कुपोषण से बचाने में स्तनपान का काफी महत्व है.

पेश है रिपोर्ट

स्तनपान से होता है समुचित विकास
सर्वे में पाया गया है कि बच्चे के जन्म के बाद 1 घंटे के भीतर स्तनपान शुरू करने से नवजातो में मृत्यु की संभावना 20% तक कम हो जाती है. प्रथम 6 माह तक केवल स्तनपान कराने वाले शिशु में डायरिया एवं निमोनिया से होने वाली मृत्यु की संभावना 11 गुना एवं 15 गुना कम हो जाती है. स्तनपान करने से शिशुओं का समुचित शारीरिक एवं बौद्धिक विकास होता है. इसके साथ ही हृदय रोग, डायबिटीज इत्यादि होने का खतरा भी कम हो जाता है. स्तनपान कराने वाली माताओं में स्तन एवं ओवरी कैंसर होने का खतरा कम रहता है.

बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति ने जारी किया निर्देश
स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति ने कई दिशा निर्देश जारी किया है. सभी सदर अस्पताल, सामाजिक संगठन, आशा एएनएम एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया गया है. स्तनपान सप्ताह के दौरान अधिक से अधिक माताओं को शिशु के जन्म के 1 घंटे के अंदर स्तनपान प्रारंभ करने में मां की सहायता करने को कहा गया है. स्तनपान के प्रति जागरूकता एवं प्रचार-प्रसार करने का दिशा निर्देश जारी किया गया है.

महिलाओं को किया जाएगा जागरूक
प्रत्येक आशा कार्यकर्ता मां कार्यक्रम के अनुसार गर्भवती एवं माताओं के साथ बैठकर स्तनपान से होने वाले लाभ एवं स्तनपान के सही तरीके के संबंध में जानकारी देंगी. स्वास्थ्य विभाग ने इन फैसलों को अमल में लाने के लिए कई तरह की योजना बना रही है. इसके अलावा आज से प्रत्येक प्रखंड में स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए कई दूसरे कार्यक्रम का भी आयोजिन किया जा रहा है.

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