पटनाः बिहार स्वास्थ्य विभाग की तरफ से शुक्रवार को क्लोजिंग द केयर गैप की थीम पर विश्व कैंसर दिवस (World Cancer Day On Theme of Closing The Care Gap ) मनाया गया. इसको लेकर जगह-जगह कैंसर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए. निशुल्क जांच कैंप चलाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में पटना के गर्दनीबाग अस्पताल में सिविल सर्जन कार्यालय के तत्वाधान में निशुल्क कैंसर जांच कैंप चलाया गया और सिविल सर्जन कार्यालय में कैंसर जागरूकता प्रोग्राम आयोजित किया गया.
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इस मौके पर कार्यक्रम में मौजूद चिकित्सकों ने विभिन्न प्रकार के कैंसर की पहचान, उनके इलाज के लिए उपलब्ध व्यवस्थाएं और कैंसर से बचाव के लिए कैसी जीवनशैली फॉलो करें, इन सब बारे में लोगों को विस्तृत रूप से जानकारी दी. स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बिहार में प्रति वर्ष 1.40 लाख कैंसर के मामले सामने आते हैं, जिसमें माउथ कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के मामले अधिक होते हैं.
कैंसर बीमारी का सबसे बड़ा कारण तंबाकू का सेवन है और तंबाकू सेवन से भारत में प्रतिदिन लगभग 2200 लोगों की मृत्यु होती है और इनमें ज्यादातर संख्या बिहार के लोगों की होती है. इन सभी स्थितियों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग बिहार में शुरुआती लक्षण की जांच और जागरूकता पर विशेष बल दे रहा है.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अनुपमा ने बताया कि कैंसर से बचाव का सबसे पहला और प्रभावी कदम है कैंसर की पहचान करना है. आज के समय में देश दुनिया में कैंसर काफी तेजी से फैल रहा है और समय रहते इसकी जागरूकता पर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में प्रत्येक 10 में एक व्यक्ति कैंसर के मरीज मिलेंगे.
उन्होंने कहा कि इसके लिए कुछ बातों पर विशेष ध्यान देना होगा जैसे कि यदि किसी को पेशाब, थूक और मल के माध्यम से खून का स्त्राव होता है. ऐसे में अविलंब चिकित्सक से मिलना चाहिए. यदि किसी महिला के ब्रेस्ट में गांठ है या ब्रेस्ट से खून निकल रहा है, मुंह के रंग का बदलाव हो रहा है या मुंह से खून निकल रहा है, इन सभी स्थितियों में चिकित्सक से तुरंत मिलना चाहिए. इन सब बातों को लेकर साल में एक बार जरूर अपना चेकअप कराना चाहिए. कैंसर को लेकर यदि जागरूक होंगे तभी कैंसर को हराया जा सकता है.
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कैंसर के मरीजों के लिए काम करने वाली टाटा मेमोरियल संस्था की इकाई होमी भाभा कैंसर रिसर्च सेंटर पटना की सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर जयदीपा ने बताया कि पटना के गर्दनीबाग अस्पताल में टीम को काम करते हुए लगभग 1 वर्ष होने जा रहे हैं. इस दौरान चार चिकित्सकों की टीम ने पटना जिले के शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर 150 से ज्यादा कैंसर जागरूकता कैंप किए हैं और इस क्रम में 12000 लोगों की जांच की गई है.
इनमें 20 कैंसर के मरीज मिले जिनका इलाज हो रहा है और 500 कैंसर के संदिग्ध मरीज मिले हैं जिनकी जांच की जा रही है. डॉ जयदीपा ने बताया कि पटना में कैंसर की जो मामले सामने आ रहे हैं उसका मुख्य वजह तंबाकू सेवन है. 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में कैंसर के मामले अधिक मिल रहे हैं. ऐसे में वह सभी जब स्क्रीनिंग करते हैं मरीजों का तब 30 वर्ष से 60 वर्ष के आयु वर्ग वाले लोगों को ही स्क्रीनिंग के लिए चिन्हित करते हैं.