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New Education Policy: आईपीएस अधिकारी विकास वैभव बोले- बच्चों के विकास में कारगर साबित होगी यह नीति - प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन

नए शैक्षणिक सत्र से सभी विद्यालयों में नई शिक्षा नीति लागू होने जा रही है. इसके बारे में प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से रविवार को पटना में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन (Workshop on New Education Policy in Patna) किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आईपीएस अधिकारी विकास वैभव ने कहा कि एक्सपर्ट लोगों ने मिलकर नई शिक्षा नीति तैयार की है. नई शिक्षा नीति आज के समय की मांग है. पढ़िये पूरी खबर.

कार्यशाला
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Published : Jan 22, 2023, 8:22 PM IST

पटना में नई शिक्षा नीति पर कार्यशाला.

पटना: इस साल के नए शैक्षणिक सत्र से सभी विद्यालयों में नई शिक्षा नीति लागू (new education policy) होने जा रही है. ऐसे में निजी विद्यालय संचालकों के मन में नई शिक्षा नीति को लेकर अभी भी कई भ्रांतियां मन में बनी हुई है. इसे दूर करने को लेकर प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से रविवार को पटना में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में शामिल होने के लिए प्रदेश के विभिन्न जिलों के निजी विद्यालय संचालक, विद्यालय के प्राचार्य और प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन की जिला अध्यक्ष और जिला उपाध्यक्ष पहुंचे.

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समय की मांगः कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर प्रदेश के आईपीएस अधिकारी विकास वैभव मौजूद रहे. इस कार्यशाला के बाद प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से घोषणा की गई कि नए शैक्षिक सत्र से पूरे प्रदेश में नई शिक्षा नीति पूर्ण रूप से लागू होगी. प्राइवेट स्कूल इन चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद ने कहां कि नई शिक्षा नीति समय की मांग है. बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए यह अत्यंत लाभदायक और महत्वपूर्ण है.

समय की मांग: विकास वैभव ने कहा कि काफी एक्सपर्ट लोगों ने मिलकर नई शिक्षा नीति तैयार की है. नई शिक्षा नीति आज के समय की मांग है. नई शिक्षा नीति बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए बेहद जरूरी है. नई शिक्षा नीति में बच्चों के लिए खेल कूद और कला संस्कृति से जुड़े कार्यों को भी प्रमुखता दी गई है. उन्होंने कहा कि उनकी पढ़ाई बचपन में दिल्ली के सरदार पटेल विद्यालय में हुई है, जहां कक्षा 4 तक मातृभाषा हिंदी में पढ़ाई हुई. फिर पांचवी कक्षा में अंग्रेजी भाषा इंट्रोड्यूस हुआ. उसके बाद से अंग्रेजी भाषा में पढ़ाई हुई. मातृ भाषा में बच्चे ज्यादा बेहतर सीखते हैं और समझते हैं.

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