पटना: बिहार की राजधानी पटना में रंगदारी मांगने का मामला सामने आया है. सड़क निर्माण में लगे मजदूरों के साथ रंगदारी नहीं देने पर मारपीट (Workers beaten up for not paying extortion) की गई और उन्हें साइट से भगा दिया गया. सड़क निर्माण करा रही एजेंसी के प्रतिनिधि ने पूर्व उप मुख्य पार्षद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है. दरअसल, कैलूचक स्थित बलिदानी संजय सिन्हा के घर से बस स्टैंड सड़क और नाले के निर्माण को लेकर रंगदारी मांगने और रंगदारी नहीं देने पर मजदूरों को मारपीट कर भगा देने व नाले को जेसीबी से तोड़ देने का आरोप निर्माण एजेंसी के प्रतिनिधि ने लगाया है.
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सड़क और नाला निर्माण में रंगदारी की मांगः तोड़फोड़ और मारपीट के संबंध में निर्माण एजेंसी के अधिकृत प्रतिनिधि सह थाना के जेपी रोड, लखीबाग निवासी जितेंद्र कुमार ने नगर परिषद के पूर्व उप मुख्य पार्षद सह थाना के कैलूचक निवासी सत्येंद्र कुमार के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है. इधर पुलिस मामले की जांच में जुट गई थी. जानकारी के मुताबिक मेसर्स डॉल्फिन कंसट्रक्सन एंड इंजीनियरर्स प्राईवेट लिमिटेड, दानापुर योजनासंख्या- 5/2020 और 2021 समेत बलिदानी संजय सिन्हा के घर से बस स्टैंड तक पथ और नाला निर्माण का काम कर रही है. जितेंद्र कुमार एजेंसी के अधिकृत प्रतिनिधि हैं और उनके व विभागीय इंजीनियर की देखरेख में निर्माण कार्य किया जा रहा है.
जेसीबी से नाला तोड़ने और मजदूर से मारपीट का आरोपःजितेंद्र कुमार का आरोप है कि बीते 15 अक्टूबर को पूर्व उप मुख्य पार्षद सत्येंद्र कुमार उनके पास आकर निर्माण कार्य के प्राक्कलित राशि का पांच फीसदी बतौर रंगदारी देने की मांग की. जब उन्होंने रंगदारी की रकम देने से असमर्थता जताई तो उन्होंने काम नहीं होने देने की धमकी दी. इसके बाद आरोपी ने बीते 20 अक्टूबर को काम कर रहे आधा दर्जन मजदूरों समेत भगवानगंज थाना के बिहटा गांव के मजदूर सुरेश बिंद को गाली गलौज कर भगा दिया और काम बंद कर देने की धमकी दी. आरोप यह भी है कि बीते 25 अक्अूबर को आरोपी ने कैलूचक में निर्मित नाले को जेसीबी से क्षतिग्रस्त कर दिया. जितेंद्र कुमार ने आरोपी से जान को खतरा होने की आशंका जता सुरक्षा की गुहार लगाई है. साथ ही आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है. इधर थानाध्यक्ष ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है.
पूर्व उप मुख्य पार्षद ने फर्जी मुकदमा करने का लगाया आरोप:पूर्व उप मुख्य पार्षद सत्येंद्र कुमार ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोप को बेबुनियाद बताया है. उन्होंने बताया कि वे बीते दस दिनों से अपनी पत्नी के साथ गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में उपचार कराने गए हुए थे. उन्होंने आरोप लगाया कि उन्होंने दर्जनभर लोगों के साथ घटिया निर्माण कार्य की शिकायत पिछले दिनों सूबे के मुख्यमंत्री से की थी और उसकी निगरानी से जांच कराने की मांग की थी. इसी कारण से उनपर रंगदारी मांगने का आरोप लगा प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. उन्होंने इस पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है.