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बिहार में शराबबंदी कानून का उड़ रहा मखौल, अब महिलाओं के भी बदले सुर - Abhishek Jha on liquor ban

राज्य में शराबबंदी कानून लागू है. इसे महिलाओं के अनुरोध पर लागू किया गया था. हालांकि अब इस कानून को लेकर महिलाओं के सुर बदल गए हैं. महिलाओं का कहना है कि इस शराबबंदी कानून का कोई असर नहीं हो रहा है.

womens stand on prohibition law in bihar
womens stand on prohibition law in bihar

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Published : Nov 4, 2020, 11:01 PM IST

पटना: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं के अनुरोध पर शराबबंदी लागू किया था. हालांकि 3 साल पूरे होने के बाद शराबबंदी को लेकर महिलाओं के रुख में काफी बदलाव आया है. लेकिन एनडीए के नेता शराबबंदी को सफल बताते हुए इसके कई फायदे बता रहे हैं.

"बिहार में शराबबंदी असरदार नहीं है. लोग आज भी शराब पी रहे हैं. घरों तक शराब पहुंचाई जा रही है. महंगाई बढ़ गई है. इससे तो हमलोगों को ही हानि हो रही है. गरीबी काफी बढ़ गई है."- स्थानीय

इसके विपरीत बीजेपी और जेडीयू प्रवक्ता ने शराबबंदी को एक नेक पहल बताया. साथ ही उन्होंने समाज में शराबबंदी के कारण खुशहाली होने का दावा किया. हालांकि शराब मिलने के खबर पर भी कड़ी प्रतिक्रिया दी.

"शराबबंदी कानून से बहुत ज्यादा लाभ मिला है. जिन महिलाओं को घरेलू हिंसा, समाजिक प्रताड़ना विवाद और लड़ाई झगड़े का सामना करना पड़ता थो वो सभी बंद हो गए. कई लोगों का घर बर्बाद हो रहा था, बच्चे पढ़ाई नहीं कर रहे थे या फिर भरपेट भोजन और कपड़ा नहीं मिल रहा था. वो सारी समस्याएं दूर हो गई है. लोग खुशहाल हो कर जीवन यापन कर रहे हैं."- प्रेम रंजन पटेल, प्रवक्ता, बीजेपी

"बिहार जैसा पिछड़ा प्रदेश जहां रेवेन्यू का अभाव है, उस प्रदेश के मुखिया ने हिम्मत दिखाते हुए इतना बड़ा कदम उठाया. उन्होंने महिलाओं के आग्रह पर आधी आबादी को सश्क्त करने के लिए ये फैसला लिया. ये अभूतपूर्व कदम है और बिहार में जबतक हमारी सरकार है तबतक शराबबंदी लागू रहेगा. लोगों ने इसे पॉजिटिव वे में एक्सेप्ट किया है. माहौल बदला है. हालांकि आरोप लगाया जाता है कि शराबबंदी के बाद भी शराब मिल रहे हैं तो उन्हें बता दूं कि उन्हें दंड दिया जाता है. उनसे जुर्माना वसूला जाता है. इससे समाज में एक संदेश जाता है."- अभिषेक झा, प्रवक्ता, जेडीयू

पेश है रिपोर्ट

राज्य में शराबबंदी कानून का बना है मखौल
सामाजिक कार्यकर्ता रोशन कुमार का कहना है कि बिहार में शराबबंदी तो किया गया पर कानून का क्रियान्वयन सही तरीके से नहीं हो रहा है. शराब की होम डिलीवरी की जा रही है. पुलिस की मिलीभगत से शराब बंदी कानून मखौल बन गया है.

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