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Published : Jun 9, 2021, 8:31 AM IST

Updated : Jun 10, 2021, 8:04 AM IST

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Vat Savitri Vrat: अखंड सौभाग्य का व्रत है वट सावित्री, जानें पूजा विधि, मुहूर्त और कथा

हिंदी पंचांग के अनुसार, वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को किया जाता है. इस दिन पूजा का मुख्य उद्देश्य अपने पति की लंबी उम्र की कामना करना और अपने वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाना होता है. पढ़ें पूरी खबर...

ति के लंबी उम्र के लिए महिलाएं करती हैं वट सावित्री व्रत
ति के लंबी उम्र के लिए महिलाएं करती हैं वट सावित्री व्रत

पटना:वट सावित्री व्रत ( Vat Savitri Vrat ) महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए करती हैं. वट सावित्री व्रतजेष्ठ मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. इस दिन सुहागन अपने पति की लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन की कामना के लिए ये व्रत करती हैं. यह व्रत कुंवारी लड़कियां भी करती हैं. इस साल वट सावित्री व्रत 10 जून यानी गुरुवार को है.

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किस तरीके से होती है पूजा
किस तरीके से पूजा होती है क्या नियम और क्या महत्व है यह जाने के लिए हमने आचार्य रामाशंकर दुबे से खास बातचीत की. आचार्य ने बताया कि साल का यह पहला पर्व है जो सौभाग्य प्राप्ति के लिए काफी बड़ा माना जाता है. इस वर्ष अमावस्या की शुरुआत 9 जून दोपहर 1:57 से होगी जो 10 जून शाम 4:22 पर समाप्त होगी. हालांकि अमावस्या 9 तारीख से ही प्रारंभ हो रहा है लेकिन शुभ अमावस्या 10 जून को है और उसी दिन महिलाएं व्रत करेंगी.

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व्रत में वट वृक्ष का है काफी महत्व
इस व्रत में वट वृक्ष को काफी महत्व दी गई है. वट वृक्ष के मूल में ब्रह्मा, मध्य में विष्णु और अग्र भाग में शिव का वास माना गया है. देवी सावित्री भी इस वृक्ष में निवास करती हैं. इसलिए वट सावित्री व्रत के दिन महिलाएं वट वृक्ष की 108 बार परिक्रमा करती हैं और कच्चा सूत लपेटती हैं. इसके बाद सभी बैठकर सावित्री की कथा सुनती हैं. कथा सुनने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है और पति के संकट दूर होते हैं.

पति के लंबी उम्र के लिए महिलाएं करती हैं वट सावित्री व्रत

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घर पर ही करें इस बार पूजा
हालांकि इस वर्ष कोरोना संक्रमण को देखते हुए हम महिलाओं से अपील करते हैं कि महिलाएं कोशिश करें कि वह एक समूह में एकत्रित ना हों. कोशिश करें कि भीड़-भाड़ में ना जाएं और घर पर ही त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश की पूजा करें. इसके अलावा बरगद के पेड़ की टहनी तोड़कर उसे गमले में लगा लें और विधिवत इसकी पूजा करें. ताकि वह इस संक्रमण से भी बच सकें और अपनी पूजा भी पूरी विधि विधान के साथ कर सकें.

पति के लंबी उम्र के लिए महिलाएं करेंगीं वट सावित्री व्रत

उन्होंने बताया कि ऐसी मान्यता है कि सावित्री ने इस दिन अपने मृत पति को पुनः जीवित किया था. सावित्री अपने पति सत्यवान के प्राण यमराज से वापस ले आई थी. तभी से महिलाएं इस दिन वट सावित्री व्रत मनाती हैं. इस व्रत में महिलाएं सावित्री के समान अपने पति की दीर्घायु की कामना तीनों देवताओं से करती हैं ताकि उनके पति को सुख-समृद्धि अच्छा स्वास्थ्य और दीर्घायु प्राप्त हो सके.

Last Updated : Jun 10, 2021, 8:04 AM IST

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