पटना:चुनाव के समय राजनीतिक दलों की नजर आधी आबादी यानी महिलाओं के वोट बैंक पर रहती है. ऐसे में होने वाले विधानसभा चुनावों में भी पार्टियां महिलाओं के लिए कई वादों और दावों के साथ दम भरते नजर आ रहीं हैं. बिहार में बदले माहौल में महिलाएं सुरक्षा को सर्वोपरि मानती हैं.
बिहार के चुनाव में महिला वोटर सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाती है. राज्य में आधी आबादी के वोट से ही वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार प्रचंड बहुमत से जीतते रहे हैं. इसबार भी सीएम नीतीश कुमार और उनकी पार्टी महिलाओं के हित में किये गये कामों को लेकर चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं.
शराबबंदी बनेगा हथियार
बिहार में 4 साल पहले शराबबंदी लागू की गई. शराबबंदी लागू होने का सबसे ज्यादा फायदा महिलाओं को मिला है. घरेलू हिंसा जहां कम हुई है, वहीं महिलाएं घर के बाहर भी खुद को सुरक्षित महसूस कर रही हैं. पिछले 15 साल के दौरान महिला सशक्तिकरण के लिए नीतीश सरकार ने कई ठोस कदम उठाएं हैं. सीएम नीतीश कुमार ने दहेज प्रथा उन्मूलन के लिए मानव श्रृंखला बनवाई, तो वहीं महिलाओं के लिए कई योजानएं भी लांच की. ऐसे में इन्हीं खास उपलब्धियों के साथ चुनाव को साधने की तैयारी की जा रही है.
महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार के प्रयास
बिहार सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिए कई कदम उठाए. शैक्षणिक प्रोत्साहन, कन्या विवाह योजना के अलावा महिलाओं के लिए अलग नीति एवं अतिरिक्त आरक्षण दिया गया. महिलाओं के सामाजिक परिवर्तन के लिए, जहां ठोस कदम उठाए गए. वहीं, महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना शुरू की गई.
- मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना, बालिका साइकिल योजना, बालिका प्रोत्साहन योजना शुरू की.
- बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत उच्च शिक्षा हेतु महिलाओं को 1% सरल ब्याज के दर पर शिक्षा ऋण दिया गया.
- कन्या विवाह योजना के अंतर्गत गरीब परिवार की कन्याओं को विवाह के समय 5000 रुपये तक की राशि सहायता स्वरूप देने का फैसला लिया गया.
- हिंसा पीड़ित महिलाओं को सामाजिक मनोवैज्ञानिक चिकित्सकीय एवं कानूनी सलाह के लिए महिला हेल्पलाइन शुरू किया गया.
- पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों में महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण दिया गया.
- प्राथमिक शिक्षक नियोजन में महिलाओं को 50% आरक्षण दिया गया.
- पुलिस सब इंस्पेक्टर एवं कांस्टेबल नियुक्ति में आधी आबादी को 35 फीसदी आरक्षण मिला.
आरक्षित रोजगार महिलाओं का अधिकार निश्चय के तहत राज्य के सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण के प्रावधान किए गए. गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जीविका के माध्यम से 10 लाख स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया. अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन के लिए प्रोत्साहन राशि स्वरूप 1 लाख तक की सहायता राशि दी गई. बालिकाओं और किशोरियों के पूर्ण विकास के लिए मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना लागू किया गया. एक कन्या के स्नातक तक की पढ़ाई के लिए 55 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने के प्रावधान वर्तमान सरकार ने किया.
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