पटना:नीतीश कुमार के शासन में बिहार में महिलाओं को पंचायत में 50% आरक्षण दिया गया है. इसके कारण त्रिस्तरीय पंचायत में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है. इसका असर भी दिख रहा है. बावजूद इसके विधानसभा में महिलाओं की भागीदारी अभी भी बहुत ज्यादा नहीं है.
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विधानसभा में 11% महिला विधायक
2015 के चुनाव में महिला विधायकों का प्रतिशत 12 था. लेकिन 2020 में महिला विधायकों का प्रतिशत घटकर 11 रह गया. महिलाओं ने 2020 के चुनाव में लगभग 60% वोट किया, जो पुरुषों के 54 फीसदी के मुकाबले अधिक था. 38 जिलों में से 23 जिलों में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की भागीदारी अधिक रही. 2015 में भी महिलाओं का वोट प्रतिशत 60% के आसपास था.
60 सालों में 258 महिलाएं बनीं विधायक
पिछले 60 सालों में बिहार में सिर्फ 258 महिलाएं ही विधायक बन पाई हैं. 2010 में सबसे अधिक महिला विधायक बनी थी. 1969 में तीन और 2005 में 4 महिला विधायकों की संख्या सबसे कम रही. वहीं, 1972 में एक भी महिला विधायक नहीं जीत पाई थी.
2015 में 28 महिलाएं बनीं विधायक
2015 में 28 महिला विधायकों ने जीत हासिल की. जिसमें आरजेडी से 10, जदयू से 9, कांग्रेस से 4, बीजेपी से 4 और 1 निर्दलीय विधायक रहीं. 28 महिला विधायकों में से 25 ने पुरुष उम्मीदवारों को हराया था.
2020 में 26 महिलाओं ने जीत की दर्ज
2020 के चुनाव में 26 महिला उम्मीदवारों को ही जीत मिली. जो 2015 के मुकाबले भी दो कम हैं. बीजेपी ने 13 महिलाओं को टिकट दिया था. जिसमें से 9 महिला उम्मीदवार चुनाव जीती हैं. जदयू ने 22 सीटों पर महिलाओं को टिकट दिया था, लेकिन 6 उम्मीदवार ही जीत पाई. आरजेडी ने 16 महिलाओं को टिकट दिया था, जिसमें से 7 चुनाव जीत पाई हैं. कांग्रेस ने 7 सीटों पर महिला प्रत्याशी को उतारा था, जिनमें से दो जीत पाई हैं. हम और वीआईपी से एक-एक महिला उम्मीदवार भी इस बार चुनाव जीती हैं.