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Patna Shelter Home Case: न्याय के लिए महिला संगठन एकजुट, कहा- निष्पक्ष होनी चाहिए जांच

गायघाट शेल्टर होम का मामला काफी तूल पकड़ता जा रहा है. युवती द्वारा वीडियो जारी कर उत्पीड़न और सप्लाई की हकीकत बताने के बाद तमाम महिला संगठन एकजुट हो गए हैं. एक संयुक्त बयान जारी कर संगठनों ने मामले की निष्पक्ष जांच ( Demand To investigate Gaighat Shelter Home Case) की जाने की मांग की है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Feb 3, 2022, 4:58 PM IST

Updated : Feb 3, 2022, 5:42 PM IST

गायघाट शेल्टर होम
गायघाट शेल्टर होम मामले की जांच की मांग

पटनाः पटना के गायघाट स्थित बालिका गृह कांड (Gaighat Shelter Home Case) का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. तमाम राजनीतिक दलों के नेता जहां इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं, वहीं अब तमाम महिला संगठन भी इस मुद्दे को लेकर एकजुट हो गया है. गुरुवार को पटना में महिला संगठनों ने संयुक्त बयान जारी कर चिंता व्यक्त करते हुए इस मामले की जांच करने की मांग (Women organization Demand Investigation) की.

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ऐपवा, बिहार महिला समाज, जनवादी महिला समिति, लोकतांत्रिक जन पहल, नारी गुंजन, डब्लूएसएफ (WSF), एमएसएस (MSS) आदि कई संगठनों के प्रतिनिधियों ने एक संयुक्त बयान जारी किया. महिला संगठनों ने कहा कि आरोप लगाने वाली युवती गायघाट रिमांड होम में रह चुकी है, इसलिए उसकी बातों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए.

संगठनों ने इस मामले की हाईकोर्ट के न्यायाधीश से न्यायिक जांच कराई जाने की मांग की है. उनका कहना है कि सरकार इस बात की गारंटी दे कि आरोप लगाने वाली महिला भयमुक्त और सुरक्षित रहेगी. मीडिया से भी अपील करते हुए संगठनों ने कहा कि महिला को बिना उसकी सहमति के पहचान सार्वजनिक न करें.

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महिला संगठनों ने कहा है कि समाज कल्याण निदेशालय की तरफ से दिया गया जवाब बहुत ही सतही है. महिला द्वारा लगाए गए आरोप का जवाब देने के बदले उस महिला के चरित्र पर ही सवाल उठाया गया है, जो बहुत ही शर्मनाक है. कानूनन महिला की पहचान को सार्वजनिक करना अपराध है. लेकिन हैरानी की बात है कि समाज कल्याण विभाग यह कर रहा है. सरकार यदि तत्काल इस मामले पर गंभीरता से नहीं पेश आएगी तो महिला संगठन इस मुद्दे को आगे बढ़ाने को विवश होंगे. क्योंकि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड को अभी भी बिहार की महिलाएं भूली नहीं हैं. इस संदर्भ में सभी महिला संगठनों ने आगामी 3 फरवरी को संयुक्त बैठक बुलाई है.

आपको बताते चलें कि पटना में महिला संगठनों के द्वारा बुलाए गए संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) की महासचिव मीना तिवारी, बिहार महिला समाज की प्रतिनिधि निवेदिता झा, अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की रामपरी, लोकतांत्रिक जन पहल की कंचनबाला, नारी गुंजन की सुधा वर्गीज, एडब्ल्यूएसएफ की चंद्रकांता और आसमा खान, एमएसएस की अनामिका, विमुक्ता की कंचन, घरेलू कामगार यूनियर की सिस्टर लीमा और मेक ए लाइफ फाउंडेशन की तबस्सुम अली शामिल हुईं.

महिला संगठनों ने संयुक्त रुप से मामले की निष्पक्ष जांच की जाने की मांग की है. संगठनों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर निष्पक्ष जांच इस मामले की नहीं होती है तो वे इसका पुरजोर विरोध करेंगी. बता दें कि कुछ दिनों पहले उत्तर प्रदेश की रहने वाली एक बच्ची जो बालिका गृह में थी, उसने एक वीडियो जारी कर रिमांड होम में होने वाले उत्पीड़न की घटना को बताया था. इस वीडियों में उसने सुपरिटेंडेंट वंदना गुप्ता पर गई गंभीर आरोप लगाए थे. हालांकि, बाद में समाज कल्याण मंत्री ने उन्हें क्लीन चिट दे दिया था. लेकिन, अब यह मामला काफी तूल पकड़ता जा रहा है.

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Last Updated : Feb 3, 2022, 5:42 PM IST

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