पटनाः आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है. हर जगह महिलाओं के कारनामों और बहादुरी की चर्चा हो रही है. बात अगर बिहार की करें तो यहां की तरक्की में महिलाएं अब सक्रिय भागीदारी (Women Participation In Progress) निभा रही हैं. हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं. हर क्षेत्र में, हर विभाग में इन्होंने खुद को साबित किया है. बिहार के ऊर्जा क्षेत्र में भी महिलाएं (Women Operating Karbighia Power Grid In Patna) अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर रही हैं. राजधानी पटना का करबिगहिया पावरग्रिड 24 घंटे महिलाओं के संपूर्ण प्रबंधन में चलने वाला बिहार का पहला पावर ग्रिड है. यहां एक भी पुरूष स्टाफ नहीं है. पूरा ग्रिड महिलाएं ही संभालती हैं.
ये भी पढ़ेंःInternational Womens Day 2022: छपरा जंक्शन पर नारी शक्ति के हाथ में ट्रेनों की कमान
बिहार में एक दशक पहले तक ऊर्जा क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका नहीं के बराबर थी. बिजली उत्पादन, वितरण एवं तकनीकी प्रबंधन से जुड़े सारे कार्यों में मुख्यतः पुरुषों का दबदबा था. लेकिन पटना के चौबीसों घंटे चलने वाले करबिगहिया पावर ग्रिड का संपूर्ण प्रबंधन केवल महिलाएं करती हैं. पिंक पावरग्रिड के नाम से चर्चित इस पावर सब-स्टेशन में 11 महिलाएं कार्यरत हैं. पावर होल्डिंग कंपनी ने महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए जुलाई, 2017 में पटना स्थित करबिगहिया ग्रिड का संचालन पूर्ण रूप से महिलाओं को सौंप दिया.
यह भी पढ़ें -महिला दिवस स्पेशल: कमरे में मशरूम उगाने से लेकर 'नारी शक्ति सम्मान' तक का सफर, पढ़िए 'बिहार की मशरूम लेडी' की कहानी
इस पिंक पावर ग्रिड से विद्युत आपूर्ति से संबंधित कार्य 8-8 घंटे के तीन शिफ्टों में पूरी की जाती है. जिसमें सुबह की शिफ्ट सुबह छः बजे से दोपहर दो बजे तक होती है. दूसरी शिफ्ट दोपहर दो बजे से रात 10 बजे तक और तीसरी एवं आखरी शिफ्ट रात के दस बजे से सुबह 6 बजे तक होती है. हर शिफ्ट में तीन महिला कर्मी कार्यों का संचालन करती हैं. मॉनिटरिंग, इलेक्ट्रिक पैनल की जांच करने से लेकर ग्रिड से निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने तक सभी कार्य यहां महिलाओं के ही जिम्मे है.
यह भी पढ़ें -तबस्सुम ने 29 राज्यों में साइकिल से यात्रा कर महिलाओं को किया जागरूक, नहीं की लोगों के विरोध की परवाह