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पटना: पारंपरिक छठ गीतों से गुंजायमान हुआ वातावरण, ठेकुआ बना रहीं महिलाएं

लोक आस्था के महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है. संध्या में अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया जाएगा. ऐसे में सुबह से ही छठ व्रतियों के घरों पर ठेकुआ बनाने का कार्य शुरू हो गया है. भगवान भास्कर को नैवेद्य के रूप में अर्पित किए जाने वाले ठेकुआ को पूरी शुद्धता के साथ बनाया जाता है.

प्रसाद बनाने में जुटे छठ व्रती
प्रसाद बनाने में जुटे छठ व्रती

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Published : Nov 20, 2020, 1:31 PM IST

Updated : Dec 15, 2020, 5:52 PM IST

पटना:खरना के बाद से छठ वर्तियों का निर्जला उपवास शुरु हो चुका है. आज संध्या में पहला अर्घ्य दिया जाना है. ऐसे में छठ व्रती पूरी शुद्धता को ध्यान में रखकर ठेकुआ बना रही हैं.

प्रसाद बनाने में जुटे छठ व्रती
36 घंटे के निर्जला उपवास के बावजूद श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी देखने को नहीं मिल रही है. छठ व्रती का कहना है कि इस पर्व में शुद्धता का काफी महत्व होता है. इसलिए ठेकुए को मिट्टी या लोहे के चूल्हे पर आम की लकड़ी की लौ जलाकर बनाया जा रहा है.

पारंपरिक छठ गीतों के साथ छठव्रती बना रहीं हैं ठेकुआ

पहला अर्घ्य आज
गौरतलब है कि राजधानी पटना में चारों ओर छठ पूजा की धूम देखने को मिल रही है. आज शाम अर्घ्य देने के लिए छठ व्रती घाटों का रुख करेंगे.अर्घ्य देने में उपयोग किए जाने वाले ठेकुआ का निर्माण पारंपरिक गीतों को गाकर छठ व्रती पूरी भक्ति भाव से कर रही हैं.

Last Updated : Dec 15, 2020, 5:52 PM IST

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