पटना:लालू यादव की गैरमौजूदगी, तेजस्वी यादव की अनुभवहीनता और इन सबसे बढ़कर लोकसभा चुनाव में पार्टी की विफलता ने राष्ट्रीय जनता दल को झकझोर कर रख दिया है. इसकी एक झलक झारखंड में देखने को मिल चुकी है. राज्य के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गौतम सागर राणा ने राजद के कई नेताओं के साथ मिलकर एक नई पार्टी बना ली. इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लालू यादव पर निशाना भी साधा. इधर बिहार में लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद राजद के शीर्ष नेतृत्व ने एक समीक्षा बैठक के नाम पर खानापूर्ति की और इसके बाद बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और फिलहाल पार्टी के सर्वेसर्वा तेजस्वी यादव ऐसे गायब हुए कि 1 महीना बाद भी अबतक उनका कोई अता-पता नहीं है.
तेजस्वी यादव पर कुछ बोलने से बच रहे नेता
पार्टी का कोई भी नेता तेजस्वी यादव के बारे में जानकारी देने में खुद को समर्थ नहीं बता रहा है. इसके साथ ही कैमरे के पीछे कई नेताओं ने पार्टी के कामकाज और शीर्ष नेतृत्व को लेकर गंभीर चिंता और नाराजगी जताई है. कई नेताओं ने तो यह भी कहा कि अब इस पार्टी में कुछ बचा नहीं है. हालांकि कैमरे के सामने बोलने को कोई तैयार नहीं है.
अलग-अलग दल के नेताओं का बयान राजद का कोई नामलेवा नहीं होगा- प्रेम रंजन पटेल
इधर, बीजेपी नेता भी यह कह रहे हैं कि जिस तरह झारखंड में पार्टी पूरी तरह टूट कर बिखर गई कुछ वैसा ही हाल बिहार में भी देखने को मिलेगा. बीजेपी नेता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि बिहार में पार्टी का कोई नाम लेने वाला भी नहीं बचेगा. हालांकि राष्ट्रीय जनता दल के नेता बचाव करते हुए कहते हैं कि बिहार में ऐसी कोई बात नहीं है. पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक शिवानंद तिवारी ने कहा कि झारखंड में जो कुछ भी हुआ वह काफी दुखद है लेकिन बिहार में ऐसी कोई स्थिति नहीं है, बिहार में सब ठीक है.
पार्टी पूरी तरह एकजुट- शिवचंद्र राम
इधर, पार्टी के विधायक और पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम ने दावा किया कि तेजस्वी के नेतृत्व में पूरी पार्टी एकजुट है और सभी नेता एक साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी सिर्फ भ्रम फैला रही है और मुख्य मुद्दे से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है.
बदलाव के मिल रहे संकेत
राजद नेताओं के दावों से अलग बात करें तो पार्टी के कई विधायक और कई पूर्व मंत्री भी लगातार तेजस्वी यादव और पार्टी के अन्य बड़े नेताओं को लेकर कटाक्ष कर रहे हैं जो राजद के लिए कहीं से भी शुभ संकेत नहीं है. पार्टी ने हाल ही में सभी नेताओं, विधायकों और सांसदों को किसी भी डिबेट में भाग लेने से मना कर दिया. यहां तक कि सभी प्रवक्ताओं की भी छुट्टी कर दी गई. लेकिन पार्टी के कई नेता अब भी बयान दे रहे हैं. कुल मिलाकर, कैमरे के पीछे कही गई बातों से तो यही नजर आ रहा है कि आने वाले समय में बिहार में भी राजद में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है.